17.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चेक में हेराफेरी कर नाजिर ने निकाले थे 8.05 करोड़ रुपये

जिला नाजिर शैलेश कुमार ने चेक में हेराफेरी कर निकाली है राशि, चल रही है मामले की जांच मेदिनीनगर : चेक में हेराफेरी कर सरकारी खाते से स्वीकृत राशि से अधिक निकासी का मामला 8 करोड़ 50 लाख तक पहुंच गया है. मामले की जांच जारी है. पूर्व जिला नाजिर शैलेश कुमार के खिलाफ यह […]

जिला नाजिर शैलेश कुमार ने चेक में हेराफेरी कर निकाली है राशि, चल रही है मामले की जांच
मेदिनीनगर : चेक में हेराफेरी कर सरकारी खाते से स्वीकृत राशि से अधिक निकासी का मामला 8 करोड़ 50 लाख तक पहुंच गया है. मामले की जांच जारी है. पूर्व जिला नाजिर शैलेश कुमार के खिलाफ यह आरोप है कि उसने चेक में हेराफेरी कर स्वीकृत राशि से अधिक पैसे की निकासी सरकारी खाते से की है.
यह मामला 28 फरवरी को सामने आया था. उस दौरान चेक पंजी और बैंक विवरणी के मिलान से यह खुलासा हुआ था कि जनवरी-2016 से जून 2016 के बीच जिला नाजिर शैलेश कुमार ने सरकारी खाते से स्वीकृत राशि से 98 लाख की अधिक निकासी की है, जिसके बाद पलामू उपायुक्त अमीत कुमार ने पूर्व जिला नाजिर शैलेश कुमार के नौ वर्ष के कार्यकाल के जांच के लिए कमेटी गठित की है. शैलेश कुमार 12 जनवरी-2007 से नौ जुलाई 2016 तक जिला नाजिर के पद पर कार्य किया था. संपूर्ण कार्यकाल के जांच के दौरान लगातार चौंकाने वाले तथ्य उभर कर सामने आया.आरोप है कि आपूर्तिकर्ताओं के मदद से यह राशि निकाली गयी है. विभागीय सूत्रों के अनुसार चेक में हेराफेरी कर स्वीकृत राशि से अधिक निकासी का मामला 8 करोड़ 50 लाख तक पहुंच गया है. अभी जांच जारी है.
एनडीसी से मांगा जायेगा स्पष्टीकरण
इस मामले में एनडीसी से भी स्पष्टीकरण मांगा जायेगा. बताया जाता है कि वर्ष 2007 से 2016 तक जिला नजारत उप समाहर्ता के पद पर जो भी पदाधिकारी कार्यरत रहे हैं, उन सभी से स्पष्टीकरण मांगा जायेगा. विभागीय सूत्रों के अनुसार अभी तक इस मामले में एक एनडीसी उदय सिन्हा व वरीय कार्यालय अधीक्षक रवींद्र तिवारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है.
लेकिन इन दोनों ने अभी तक जवाब नहीं दिया है. इस दौरान जो एनडीसी रहे हैं, उन सब से स्पष्टीकरण मांगने की तैयारी की जा रही है. कहा जा रहा है कि उपायुक्त अमीत कुमार ने इस संबंध में आदेश दिया है. बताया जाता है कि वर्ष 2007 से लेकर 2016 तक के अवधि में कई पदाधिकारी एनडीसी के रूप में कार्य कर चुके है. विभागीय सूत्रों की माने तो जांच में कई मामले सामने आये है.यद्यपि प्रशासनिक स्तर से उसकी पुष्टि नहीं की गयी है.
लेकिन कहा जा रहा है कि इस पूरे मामले में तत्कालीन वरीय कार्यालय अधीक्षक रवींद्र कुमार तिवारी पर भी सवाल खड़े हो रहे है. कहा जाता है कि जांच में यह बात सामने आयी है कि कैश बुक के सत्यापन में उन्होंने तथ्यों की अनदेखी की है.बताया गया कि सप्लायरों का जो जवाब आया है, उसकी भी समीक्षा की जा रही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें