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पलामू के स्कूलों में व्यापक सुधार की जरूरत
आगंनबाड़ी केंद्र बंद होने की सूचना पर सेविका व सहायिका का चयनमुक्त करने का निर्देश पलामू में 350 कुपोषित बच्चे, 18 जनवरी तक इलाज कराने का निर्देश वर्षों से जमे कस्तूरबा के पूर्णकालीन शिक्षिका का होगा स्थानांतरण मेदिनीनगर : राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ मनोज कुमार ने कहा कि पलामू के सदर व […]
आगंनबाड़ी केंद्र बंद होने की सूचना पर सेविका व सहायिका का चयनमुक्त करने का निर्देश
पलामू में 350 कुपोषित बच्चे, 18 जनवरी तक इलाज कराने का निर्देश
वर्षों से जमे कस्तूरबा के पूर्णकालीन शिक्षिका का होगा स्थानांतरण
मेदिनीनगर : राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ मनोज कुमार ने कहा कि पलामू के सदर व लेस्लीगंज प्रखंड के कई विद्यालयों का निरीक्षण किया. बहुत सारी खामियां है. इसमें व्यापक सुधार की जरूरत है.
डॉ कुमार परिसदन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सरकार गुणवत्ता शिक्षा देने के लिए लगातार प्रयासरत है. लेकिन शिक्षा की स्थिति बेहतर देखने को नहीं मिला. उन्होंने कहा कि सदर प्रखंड के रजवाडीह मध्य विद्यालय में कक्षा छह से आठ तक की पढ़ाई होती है. जबकि कक्षा एक से आठ तक होना चाहिए. नामांकित बच्चे 125 है, उपस्थिति 65 था. जर्जर भवन में बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे थे. नया भवन में कचरा रखा हुआ था. बेंच डेस्क पुस्तकालय में रखा गया. बच्चें जमीन पर बैठे हुए थे. उन्होंने कहा कि नये सत्र से कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई होगी.
पोखराहा मवि में प्रधानाध्याक नही थे. शिक्षक गप कर रहे थे, बच्चे सडक पर खेल रहे थे. समय 1.20 हो रहा था. शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. लेस्लीगंज के मुंदरिया विद्यालय में शौचालय बंद था. चहारदीवारी नहीं है. बच्चों के लिए खाना बन रहा था, कुत्ता खाना खा रहा था. निर्देश दिया गया कि बच्चों का खाना के लिए रसोइया को बदल दें, वह रख रखाव सही तरीके से करें. डॉ कुमार ने कहा कि तरहसी कस्तूरबा विद्यालय का निरीक्षण किया गया. पाया गया कि ठंड होने के बाद भी छात्राओं के शरीर पर स्वेटर नहीं था. कमरा में बल्ब नहीं होने से अंधेरा. पूछने पर पता चल कि मिनू के अनुसार खाना नहीं मिल रहा है. काफी अंधेरगर्दी देखा गया. बीडीओ व सीडीपीओ के साथ बैठक किया है.
निर्देश दिया गया कि जिन आगंनबाड़ी केंद्र बंद होने की सूचना मिलती है, तो उस केंद्र के सेविका व सहायिका को चयनमुक्त कर दें. पलामू में 350 कुपोषित बच्चे हैं. उनका इलाज 18 जनवरी तक कराने का निर्देश दिया गया. उन्होंने कहा कि पलामू के तरसही प्रखंड में सिर्फ आगंनबाडी का केंद्र सरकारी भवन में चलता है, अन्य प्रखंडों में कई केंद्र भाड़ा के भवन में चल रहा है. उन्होंने कहा कि जिले के सभी कस्तूरबा विद्यालय में कार्यशाला आयोजित की गयी. कानून की जानकारी दी जायेगी. उन्होंने कहा कि डीसी से मिलकर पूरे मामले को रखा गया है. डीएसइ अरिवंद कुमार ने कहा कि शिक्षा के स्तर पर सुधार के लिए लगातार प्रयास हो रहा है.
उन्होंने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में केजी की पढ़ाई शुरू होगी. असैनिक कार्य के लिए 28 करोड़ राशि के समायोजन के लिए 13 जनवरी तक समय बीइइओ, बीपीओ व जेइ को दिया गया है. भवन निर्माण की राशि की निकासी करने वाले प्रधानाध्यापक व पारा शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. मौके पर जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी दीपक कुमार सिन्हा, राजा दुबे सहित कई बीइइओ व अन्य अधिकारी मौजूद थे.
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