दूसरे विभागों के तालाबों में भी होगा मछली पालन : कृषि मंत्री झारखंड में मछली पालन की योजना व विस्तार की संभावना पर सेमिनार वरीय संवाददातारांची : कृषि मंत्री रंधीर कुमार सिंह ने कहा है कि चालू वित्तीय वर्ष में बारिश नहीं होने के कारण तालाबों में पानी की कमी हो गयी है. परिस्थिति विषम है, लेकिन इस परिस्थिति में भी विभाग को मछली उत्पादन का लक्ष्य पूरा करना है. इसके लिए कुछ नये जलाशयों का भी चयन हुआ है. दूसरे विभागों के तालाबों और निजी तालाबों में भी सरकारी प्रयास से मछली का उत्पादन किया जायेगा. श्री सिंह रविवार को शालीमार मार्केट स्थित मत्स्य प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि मनरेगा के करीब 1.26 लाख तालाब बनाये गये हैं. इसमें अाधा में पानी रहता है. इसका उपयोग हम मछली पालन के लिए कर सकते हैं. भूमि संरक्षण विभाग की ओर से भी तालाब बनाये जा रहे हैं, इसमें भी किसानों को मछली पालन के लिए प्रेरित किया जायेगा. भूमि संरक्षण विभाग के चेक डैम में भी मछली पालन किया जायेगा. इसके लिए सर्वे का काम शुरू करना चाहिए. मत्स्य विभाग ने 2015-16 में 5000 केज लगाने की योजना तैयार की है.राज्य में पौंड से प्लेट तक हो रहा है काम कृषि वित्त निगम (एएफसी), मुंबई के अधिकारी डॉ सेनप्पा ने कहा कि राज्य में पौंड (तालाब) से प्लेट तक का काम हो रहा है. मछली उत्पादन से लेकर उसके प्रोसेसिंग तक की व्यवस्था है. एएफसी ने राज्य में मछली उत्पादन की संभावना, वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजना पर अध्ययन किया है. उन्होंने कहा कि झारखंड में मछली उत्पादन के काम की चर्चा आज देश स्तर पर हो रही है. इस काम में यह मॉडल स्टेट बन रहा है. क्वालिटी सीड है चुनौती मत्स्य निदेशक राजीव कुमार ने कहा कि राज्य में अच्छी गुणवत्ता का मत्स्य बीज नहीं मिल रहा है. यह हमारे के लिए आज भी चुनौती है. इस कारण मछलियों का समय पर ब्रीडिंग नहीं हो पाता है. जल संचयन की कमी है. इस बार बारिश नहीं होने के कारण मछलियों पर संकट हो गया है. धन्यवाद ज्ञापन उप निदेशक आशीष कुमार ने किया.
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दूसरे विभागों के तालाबों में भी होगा मछली पालन : कृषि मंत्री
दूसरे विभागों के तालाबों में भी होगा मछली पालन : कृषि मंत्री झारखंड में मछली पालन की योजना व विस्तार की संभावना पर सेमिनार वरीय संवाददातारांची : कृषि मंत्री रंधीर कुमार सिंह ने कहा है कि चालू वित्तीय वर्ष में बारिश नहीं होने के कारण तालाबों में पानी की कमी हो गयी है. परिस्थिति विषम […]
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