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ओएनजीसी को सहयोग करेगी सरकार : सीएम

ओएनजीसी को सहयोग करेगी सरकार : सीएमओएनजीसी के सीएमडी डीके श्राफ मिले सीएम सेवरीय संवाददाता, रांची मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि कोल बेड मिथेन ऊर्जा का महत्वपूर्ण स्रोत है. ओएनजीसी प्रधानमंत्री की ग्रीन एनर्जी की परिकल्पना को मूर्त रूप देने में लगा है. राज्य सरकार ओएनजीसी को हर संभव सहयोग करेगी. मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट भवन […]

ओएनजीसी को सहयोग करेगी सरकार : सीएमओएनजीसी के सीएमडी डीके श्राफ मिले सीएम सेवरीय संवाददाता, रांची मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि कोल बेड मिथेन ऊर्जा का महत्वपूर्ण स्रोत है. ओएनजीसी प्रधानमंत्री की ग्रीन एनर्जी की परिकल्पना को मूर्त रूप देने में लगा है. राज्य सरकार ओएनजीसी को हर संभव सहयोग करेगी. मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट भवन में अॉयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के सीएमडी डीके श्राफ व अन्य अधिकारियों के साथ वार्ता कर रहे थे. सीएम ने कहा कि यह खुशी की बात है कि ओएनजीसी ने सीबीएम (कोल बेड मिथेन) के लिए अपना कार्य आरंभ कर दिया है. वाहनों की रिफ्यूलिंग और ताप विद्युत के उत्पादन के लिए सीबीएम का उपयोग किया जा सकेगा. इससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे तथा इस ग्रीन एनर्जी से संबंधित लघु उद्यम स्थापित होंगे. सीएम ने कहा कि ओएनजीसी के सहयोग के लिए राज्य सरकार विशेष तौर पर नोडल पदाधिकारी नियुक्त करेगी, जो ओएनजीसी के राज्य में पदस्थापित पदाधिकारियों के निरंतर संपर्क में रहेंगे. सीएम ने ओेएनजीसी को सीबीएम की ड्रिलिंग के लिए भूमि व सुरक्षा उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया. सीएम ने कहा कि धनबाद, बोकारो की खदानों से निकाले गये सीबीएम का उपयोग सिंदरी खाद कारखाने के लिए ईंधन के रूप में भी किया जा सकता है. इसकी उच्च ज्वलनशील क्षमता के कारण सीमेंट प्लांट, रोलिंग मील एवं रिफैक्ट्रीज के इंधन के रूप में भी उपयोग संभव है.720 करोड़ की रॉयल्टी मिलेगी : सीएमडी ओएनजीसी के सीएमडी डीके श्राफ ने बताया कि ओएनजीसी द्वारा राज्य के नोर्थ कर्णपुरा, बोकारो एवं झरिया के 400 वर्ग किमी क्षेत्र में सीबीएम के 280 कुएं लगाये जायेंगे. इनसे आने वाले 15 से 20 वर्षों तक सीबीएम का उत्पादन होगा. साथ ही राज्य सरकार को इन वर्षों में लगभग 720 करोड़ रुपये की रॉयल्टी प्राप्त होगी. उन्होंने कहा कि ओएनजीसी की टीम इस बात से उत्साहित है कि झारखंड इज ऑफ डूइंग बिजनेस में पूरे देश में तीसरे पायदान पर है. श्री श्राफ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक देश में कच्चे तेल और गैस के आयात में 10 प्रतिशत की कटौती करने का निर्देश दिया है. इसी को ध्यान में रखते हुए ओएनजीसी ने झारखंड में सीबीएम निष्कासन की अपनी परियोजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने का प्रयास किया है. एक सीबीएम के कुआं के लिए 1.7 एकड़ भूमि की आवश्यकता होती है. इसी के अनुसार ओएनजीसी को निजी एवं सरकारी जमीन उपलब्ध कराये जाने की अपेक्षा है. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के जीवन स्तर में सुधार के लिए सीएसआर के तहत ओएनजीसी काम करेगा. सीबीएम के आरंभ होने पर बड़े पैमाने पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का भी सृजन होगा, जिसमें ज्यादा संख्या में स्थानीय लोग होंगे. उन्होंने कहा कि नोर्थ कर्णपुरा के लिए पर्यावरण की स्वीकृति मिल चुकी है. बोकारो व धनबाद के लिए आवेदन दिया गया है. पर्यावरण स्वीकृति मिलते ही गैस का उत्पादन आरंभ कर दिया जायेगा. इस अवसर पर सीएम के प्रधान सचिव संजय कुमार, ओएनजीसी के निदेशक शशि शंकर, एके द्विवेदी, वीपी महावर, एके श्रीनिवासन, मुख्य प्रबंधक राजीव प्रसाद एवं एसएमके हयात सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.

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