हुसैनाबाद (पलामू). जपला स्थित सोन वैली पोर्टलैंड सीमेंट फैक्टरी 23 वर्षों से बंद पड़ी है. जब-जब चुनाव का समय आता है, इस फैक्टरी को खुलवाने का शिगूफा राजनीतिक दलों द्वारा छेड़ दिया जाता है. लोकसभा चुनाव के समय वर्तमान केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने चुनावी सभा में लोगों को आश्वस्त किया था कि केंद्र में भाजपा की सरकार बनी, तो निश्चित तौर पर जपला सीमेंट फैक्टरी खुलवाने की पहल की जायेगी. विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, हेमंत सोरेन, बाबूलाल मरांडी ने फैक्टरी खुलवाने की बात कही थी. केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकार बनते ही इस फैक्टरी के हजारों मजदूरों ने अच्छे दिन आने की उम्मीदें पाल ली. उन्हें लगा कि अब फैक्टरी खुलवाने की पहल तेज होगी और उन्हें रोजगार मिलेगा. देखना यह है कि इस मुद्दे को केंद्र व राज्य सरकार कितनी गंभीरता से लेती हैं. या फिर यह सिर्फ चुनावी मुद्दा बन कर रह जायेगा.
1917 में हुई थी स्थापना : जपला सीमेंट फैक्टरी की स्थापना 1917 में ब्रिटिश कंपनी मार्टिन बर्न ने की थी. इस फैक्टरी से 1922 में उत्पादन शुरू हो गया था. इस दौरान यह फैक्टरी कई प्रबंधक के हाथों में जाता रहा. 1984 में इसे कल्याणपुर (बंजारी) के प्रबंधक सिन्हा ग्रुप ने खरीदा. 1985 में प्रबंधक द्वारा घाटे की बात कह कर फैक्टरी बंद कर दी गयी. 1991 में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव व उद्योग मंत्री रामनाथ ठाकुर ने प्रबंधक को आर्थिक मदद देकर फैक्टरी खुलवायी थी. लेकिन प्रबंधक ने फैक्टरी को दोबारा घाटे में रहने की बात कह मई 1992 में ले ऑफ कर दिया. तब से यह फैक्टरी बंद है. हजारों मजदूर व उनके आश्रित तंगहाल जिंदगी जी रहे हैं.