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पलामू में चतुर्थवर्गीय पदों पर नियुक्ति का मामला : प्रश्न पत्र लीक की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी की गयी नियुक्ति
रांची : पलामू जिला प्रशासन ने नवंबर 2017 में चतुर्थवर्गीय पदों की नियुक्ति से संबंधित प्रश्नपत्र लीक होने की प्राथमिकी दर्ज करायी. इसमें 57 छात्रों के अलावा परीक्षा आयोजित करनेवाली एजेंसी के अधिकारियों को नामजद अभियुक्त बनाया. लेकिन परीक्षा स्थगित करने के बदले लीक प्रश्न पत्र के आधार पर चयनित उम्मीदवारों में से ही 143 […]
रांची : पलामू जिला प्रशासन ने नवंबर 2017 में चतुर्थवर्गीय पदों की नियुक्ति से संबंधित प्रश्नपत्र लीक होने की प्राथमिकी दर्ज करायी. इसमें 57 छात्रों के अलावा परीक्षा आयोजित करनेवाली एजेंसी के अधिकारियों को नामजद अभियुक्त बनाया. लेकिन परीक्षा स्थगित करने के बदले लीक प्रश्न पत्र के आधार पर चयनित उम्मीदवारों में से ही 143 की नियुक्ति भी कर ली. नियुक्ति प्रक्रिया को तत्कालीन डीसी अमित कुमार के कार्यकाल में पूरा किया गया. वहीं अभियुक्त (अभ्यर्थी) विरेंद्र राम ने काउंसिलिंग कमेटी द्वारा की गयी पूछताछ में यह स्वीकार किया था कि लिखित परीक्षा से पहले रांची बुला कर सवालों के जवाब बताये गये.
300 पदों पर होनी थी नियुक्ति : पलामू जिला प्रशासन ने 300 चतुर्थवर्गीय पदों पर नियुक्ति के लिए पांच नवंबर 2017 को लिखित परीक्षा आयोजित की थी.
इसमें 10922 आवेदक शामिल हुए. परीक्षा में 50 प्रश्न पूछे गये. परीक्षा संचालन का काम पीएचएस कंसल्टेंट नामक एजेंसी को दिया गया था. परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्र लीक कर दिया गया. जिला प्रशासन को इस बात की शिकायत मिली. इसके बावजूद जिला प्रशासन ने परीक्षा को रद्द करने के बदले सफल उम्मीदवारों को काउंसिलिंग के लिए बुला लिया.
काउंसिलिंग के समय लीक प्रश्न पत्र के आधार पर लिखित परीक्षा ली गयी. इसमें 16 सवाल हू-ब-हू वही रखे गये, जो एजेंसी द्वारा ली गयी परीक्षा में पूछे गये थे. शेष 34 सवाल भी एजेंसी द्वारा पूछे गये प्रश्न थे. इसमें सिर्फ शब्दों को बदला गया था.
चार चरणों में हुई थी काउंसिलिंग : काउंसिलिंग में ली गयी परीक्षा व पूछताछ में मिले अंकों का मिलान एजेंसी द्वारा ली गयी परीक्षा में मिले अंकों से किया गया. काउंसिलिंग में एजेंसी के मुकाबले कम नंबर लानेवालों को अभियुक्त बनाया गया. जिला प्रशासन ने 12 नवंबर को काउंसिलिंग में 34 उम्मीदवारों को बुलाया गया. काउंसिलिंग में 31 शामिल हुए.
इसमें से 30 उम्मीदवार और परीक्षा आयोजित करनेवाली एजेंसी के निदेशक को अभियुक्त बनाते हुए जिला प्रशासन ने प्राथमिकी दर्ज करायी. इसके बाद दूसरी काउंसिलिंग में आये 16 में से 14 को अभियुक्त बनाया गया. इसी तरह तीसरी काउंसिलिंग में नौ और चौथी काउंसिलिंग में चार को अभियुक्त बनाया गया था.
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