उपायुक्त कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया. इसका नेतृत्व पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष उमाशंकर बैगा व्यास कर रहे थे. अध्यक्ष श्री बैगा ने कहा कि मंडल डैम में गेट लगाने से फायदा कुछ नही है. बिहार को पानी जायेगा, लेकिन उसका खामियाजा मंडल के आसपास के तीन दर्जन से अधिक गांव के लोगों को भुगतना पड़ेगा. यदि मंडल डैम में गेट लग जाता है तो 34से अधिक गांव जल मग्न हो जायेगा. यह सोचने की जरूरत है कि जब पलामू के लोगों को इससे कुछ लाभ होने वाला नहीं है, तो इस तरह का काम सरकार क्यों करा रही है.
डूब क्षेत्र के तीन दर्जन गांव के लोगों का क्या होगा. वे लोग कहां जायेंगे. इस बिंदु पर सरकार नहीं सोच रही है. उन्होंने कहा कि डूब क्षेत्र में जो गांव आ रहे है उसमें अधिकांश आदिवासी है. केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण आदिवासी समाज के लोग परेशान है. सरकार जो निर्णय लेकर काम कर रही है उससे समाज के लोगों का भला होने वाला नही है. इसलिए सबों ने सरकार के गलत नीतियों का विरोध करने का निर्णय लिया है. अन्य वक्ताओं ने कहा कि सरकार शराब बेच रही है. एक तरफ शराब का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. वहीं सरकार खुद शराब बेचकर लोगों को अश्वस्त कर रही है.
वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों को वनाधिकार अधिनियम के तहत वन भूमि पट्टा सहज तरीके से दिया जाये. सीएनटी, एसपीटी एक्ट को कड़ाई से लागू किया जाये. साथ ही भूमि अधिग्रहण बिल को रद करते हुए जल,जंगल व जमीन पर आदिवासियों का हक बरकरार रहने दिया जाये. प्रदर्शन के बाद 14 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया. कार्यक्रम में सुचिता देवी, कमलेश विश्वकर्मा, विश्वनाथ परहिया, अवधेश राम, सुनील यादव, शकुंतला देवी, नरेश भुइयां, जगदेश परहिया आदि मौजूद थे.