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मित्तल एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराया गया था डेस्क-बेंच

एजेंसी के 40 लाख का भुगतान है लंबित उक्त राशि के भुगतान के लिए रिश्वत लेते निगरानी के हत्थे चढ़े थे जिला जिला योजना पदाधिकारी ओम प्रकाश डुमरा : एकीकृत कार्य योजना के तहत जिले के स्कूलों के लिए डेस्क-बेंच की आपूर्ति करने व इसके एवज में 40 लाख रुपये के भुगतान के मामले में […]

एजेंसी के 40 लाख का भुगतान है लंबित

उक्त राशि के भुगतान के लिए रिश्वत लेते निगरानी के हत्थे चढ़े थे जिला जिला योजना पदाधिकारी ओम प्रकाश

डुमरा : एकीकृत कार्य योजना के तहत जिले के स्कूलों के लिए डेस्क-बेंच की आपूर्ति करने व इसके एवज में 40 लाख रुपये के भुगतान के मामले में तत्कालीन जिला योजना पदाधिकारी ओम प्रकाश को विजिलेंस के हाथ गिरफ्तार कराने वाले मित्तल एजेंसी तक भी जांच की आंच पहुंच गई है. डीएम के आदेश पर मित्तल एजेंसी पटना द्वारा स्कूलों के लिए आपूर्ति किए गए डेस्क-बेंच की गुणवत्ता की जांच शुरू हो गई है. डीडीसी ए रहमान के नेतृत्व में एसडीओ सदर संजय कृष्ण, एसडीओ पुपरी किशोर कुमार व वन विभाग के अधिकारियों की टीम ने बुधवार डुमरा,
रून्नीसैदपुर, नानपुर व चोरौत के विभिन्न स्कूलों का भ्रमण कर स्कूलों में मित्तल एजेंसी द्वारा आपूर्ति की गई डेस्क-बेंच के गुणवत्ता की मैराथन जांच की. बताया गया है कि इस दौरान उपलब्ध डेस्क-बेंच की गुणवत्ता मापदंड के अनुरूप नहीं पाई गई है. ऐसे में माना जा रहा है कि घटिया सामग्री की आपूर्ति कर उक्त एजेंसी द्वारा जबरन तत्कालीन जिला योजना पदाधिकारी ओम प्रकाश पर भुगतान का दबाव बनाया गया. इनकार करने पर उन्हें एक साजिश के तहत निगरानी के हाथ पकड़वाया गया. हालांकि जांच अधिकारियों ने तत्काल इस मुद्दे पर कुछ भी बताने से परहेज रखा है.
बताते चले की एकीकृत कार्य योजना के तहत उक्त एजेंसी के मालिक खगड़िया जिले के बबुआगंज निवासी दीपक कुमार पालीवाल ने जिले के स्कूलों में डेस्क-बेंच की आपूर्ति की थी. जिसका 40 लाख रुपये का भुगतान लंबित था. उक्त भुगतान के लिए तत्कालीन जिला योजना पदाधिकारी ओम प्रकाश द्वारा बतौर रिश्वत 2 लाख रुपये की मांग की जा रहीं थी. दीपक कुमार पालीवाल द्वारा इसकी शिकायत निगरानी में दर्ज कराई गई थी. 2 मई 2016 को निगरानी की टीम ने सीतामढ़ी पहुंच
कर मुख्यालय डुमरा के आफिसर्स कालोनी स्थित ओम प्रकाश के सरकारी आवास पर छापेमारी कर उन्हें दो लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. बाद में दीपक द्वारा जिला प्रशासन से उक्त राशि के भुगतान की गुहार लगाई गई थी. इसके आलोक में डीएम ने दीपक कुमार पालीवाल द्वारा आपूर्ति डेस्क-बेंच के गुणवत्ता की जांच का आदेश दिया था. इसके आलोक में डीडीसी के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम ने उक्त प्रखंडों का दौरा कर विभिन्न स्कूलों के डेस्क बेंच के गुणवत्ता की जांच की.

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