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मुखिया के घर में निबट रहा कार्य

पंचायत सचिव व रोजगार सेवक मुखिया के घर पर ही करते हैं कार्य सरकारी कंप्यूटर घर में रखे हैं मुखिया जी पाकुड़ : एक तरफ सरकार पंचायत को सशक्त बना रही है. वहीं दूसरे तरफ लाखों रुपये की लागत से बना पंचायत सचिवालय का उपयोग ही नहीं हो रहा है. सदर प्रखंड के सितापहाड़ी पंचायत […]

पंचायत सचिव व रोजगार सेवक मुखिया के घर पर ही करते हैं कार्य

सरकारी कंप्यूटर घर में रखे हैं मुखिया जी
पाकुड़ : एक तरफ सरकार पंचायत को सशक्त बना रही है. वहीं दूसरे तरफ लाखों रुपये की लागत से बना पंचायत सचिवालय का उपयोग ही नहीं हो रहा है. सदर प्रखंड के सितापहाड़ी पंचायत सचिवालय चुनाव के बाद से बंद है.
बीते छह वर्ष से मुखिया व पंचायत सचिव द्वारा ताला नहीं खोला गया है. मुखिया द्वारा अपने घर पर ही सरकारी कार्य निबटाया जा रहा है. जिस कारण गांव के दर्जनों लोगों ने मुखिया की मनमानी को लेकर पंचायत भवन के सामने जमकर नारेबाजी की एवं पंचायत प्रतिनिधियों को पंचायत भवन में आकर ही सरकारी कार्य निबटाने की मांग की. ग्रामीण बीबीजान बेबा, जेनुर बीबी, हेदर अली, सोमिनुर बीबी, जोहर आलम, मिलन शेख, सेमिना बीबी, सेनायुल शेख सहित दर्जनों ग्रामीणों ने कहा कि पंचायत में कई गंभीर समस्याएं है मगर इन सब पर पंचायत जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं है.
वहीं ग्रामीणों के अनुसार सरकारी नियम कानून ताक पर रखकर सरकारी कार्य अपने घर में ही निबटाते रहीं हैं. जबकि सरकार का सख्त निर्देश है कि सरकारी कार्य पंचायत भवन में ही निबटाया जाये. ग्रामीणों की माने तो पंचायत सचिव एवं रोजगार सेवक मुखिया के घर पर जाकर सरकारी कार्य करते हैं.
कहते हैं बीडीओ
प्रखंड विकास पदाधिकारी शिवजी भगत ने कहा कि मामले की जांच करायी जायेगी एवं पंचायत भवन को अविलंब खोलवाने का निर्देश दिया जायेगा.
कहती हैं मुखिया
सितापहाड़ी पंचायत की मुखिया खादिमा बीवी ने कहा कि बरसात के कारण पंचायत भवन नहीं खुलता है. उन्होंने कहा कि आम जनता के लिए 24 घंटे पंचायतवासियों के लिए खुला हुआ है. कभी भी अपनी समस्या को लेकर सीधे संपर्क कर सकते हैं.
पंचायत भवन के सामने गंदगी का अंबार
पंचायत भवन को देखने से स्पष्ट कहा जा सकता है कि वर्षों से पंचायत भवन का ताला नहीं खुला है. भवन के सामने 3 से 4 फीट पानी जमा है. जिस कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है. अगर पंचायत भवन तक सड़क का निर्माण करा दिया जाता तो निश्चित रूप से भवन का ताला खोलता. लेकिन पंचायत प्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण विकास कार्य नहीं हो पा रहा है.
लाखों का जरनेटर हो रहा खराब
पंचायत भवन में लाखों रुपये के लागत से जरनेटर लगाया गया है. परंतु रख रखाव के अभाव में जंग लग रहा है. यहां तक की कंप्यूटर पंचायत भवन में ना रखकर घरों में शोभा की वस्तु बनी हुई है.

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