दर्जनों खदानों में हो रहा अवैध रूप से पत्थरों का उत्खनन
पाकुड़ : पत्थर खदानों में निर्गत किये गये पट्टों में दिये गये शर्तो के बावजूद अधिकांश पत्थर खदानें बिना घेराबंदी के ही संचालित हो रहे है जिसका नतीजा है कि प्रतिवर्ष दर्जनों वाहन खदानों मे गिर रहे है और मजदूरों की मौत आम बात हो गयी है.
वर्ष 2013 में ही मालपहाड़ी औद्योगिक क्षेत्र में पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक लगभग दो दर्जन मजदूरों की मौत हो चुकी है.
पत्थर व्यवसाय अपना मुनाफा तो कमा रहे परंतु अकाल के गाल में समाने वाले मजदूरों के हितों की चिंता इन्हें नहीं है. दुर्घटनाओं में मजदूरों की मौत के बाद उनके परिजनों की सुधी तक नहीं ली जाती. जिसका जीता जागता उदाहरण बीते बुधवार को जिले के महेशपुर प्रखंड के अर्जुनदाहा गांव मे अवैध विस्फोट के दौरान तीन महिला मजदूरों की मौत की घटना है.
तीन महिला मजदूरों की मौत हो गयी और उनके परिजनों की सुधी लेने तक न तो पत्थर व्यवसाय और न ही उनका एसोसिएशन एवं प्रशासनिक अधिकारी ने हिम्मत जुटायी. बेखोफ होकर आज भी जिले के मालपहाड़ी रेलवे साइडिंग, तिलभिटा रेलवे स्टेशन में दर्जनों पत्थर व्यवसायियों द्वारा प्रदूषण नियमों की धज्जियां उड़ाकर क्रशर मशीनें संचालित की जा रही है जिस पर रोक लगाने में न तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और न ही संबंधित विभाग को कोई कदम उठा रहा है.
इतना ही नहीं पत्थर व्यवसायियों द्वारा अपने खदानों में नियम कानून एवं प्रक्रिया को ताख पर रखकर पत्थर उत्खनन के लिए विस्फोट किये जा रहे है जिसका खामियाजा आस पास के ग्रामीणों एवं मजदूरों को भुगतना पड़ रहा है.