पाकुड़ : एक ओर जहां बंद कोयला खदान से कोयला माफिया द्वारा कोयला की चोरी कर मालामाल हो रहे हैं वहीं पचुवाड़ा स्थित सेंट्रल कोल ब्लॉक में उत्खनन बंद होने से विस्थापित हुए लोग आज दाने-दाने को मोहताज हैं. कोल ब्लॉक में पड़ने वाले गांव के ग्रामीण को पिछले ग्यारह माह से समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. गौरतलब हो कि खदान को चालू कराये जाने को लेकर पैनम कंपनी को सरकार द्वारा जो भूमि अधिग्रहण कर दिया गया है.
उसमें रैयतों की भी जमीन शामिल है. रैयतों की जमीन अधिग्रहण के समय कंपनी की ओर से सभी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराये जाने का वायदा किया गया था. लेकिन खदान के बंद होते ही सारी सुविधाएं बंद करा दी गयी. आज जिन गरीब लोगों की जमीन को अधिग्रहण किया गया है वे लोग बुनियादी सुविधाओं को तरस रहे हैं. इतना ही नहीं पैनम के बंद होने से लोगों का रोजगार तो छिन ही गया, विस्थापितों का जीविकोपार्जन बड़ा मुद्दा बना है.