पाकुड़ : जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के अनाथ बच्चों को मां का प्यार दे रही है बड़ी अलीगंज मुहल्ले की रहने वाली 45 वर्षीय मीरा देवी. स्वभाव की सरल मीरा सदर अस्पताल में चतुर्थ वर्गीय पद पर कार्यरत है. 22 वर्ष की आयु में ही पति सुखदेव हाजरा का निधन होने के बाद अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिली.
पति की मृत्यु के बाद मीरा ने यह संकल्प लिया कि वह दूसरा विवाह नहीं करेगी और अनाथ बच्चों को पालन करेगी. मीरा के इस अटूट संकल्प ने तीन अनाथ बच्चों की जिंदगी ही बदल दी. मीरा ने तीन अनाथ बच्चे प्रतिमा कुमारी, लक्ष्मण व ज्योति को गोद लिया. प्रतिमा जब बड़ी हुई, तो धूमधाम से विवाह कराया.
प्रतिमा के पांच बच्चे हैं. लक्ष्मण को भी मीरा ने मानुष बनाया और उसका विवाह पश्चिम बंगाल के औरंगाबाद में किया. लक्ष्मण का दो पुत्र है और अभी पढ़ाई कर रहा है. मीरा अपनी तीसरी गोद ली गयी पुत्री ज्योति जो फिलहाल वर्ग आठवीं की पढ़ाई कर रही है. उसे अपने साथ रखी है.
ज्योति ने कहा कि भगवान करें सभी बच्चे को ऐसा प्यार नसीब हो. मीरा का सपना अपने दो पोते नयन और राहुल को हीरो बनाने का है. मीरा ने बताया कि दोनों पोते को अपने जीवन काल में फिल्म स्टार के रूप में देखना चाहती है.
– रामप्रसाद सिन्हा –