चर्चा है कि कोई अन्य कंपनी अब पैनम के बदले करेगी कोयले का उत्खनन
परिवहन का करीब 20 करोड़ बकाया
अमड़ापाड़ा : रविवार देर रात से बिना किसी आधिकारिक सूचना के पैनम में कोयला का उत्खनन, डंपर व ट्रेन से ढुलाई कार्य पूरी तरह बंद हो गया है. इससे हजारों लोग बेरोजगार भी हो गये हैं. बता दें कि पैनम कोल माइंस में सैकड़ों डंपर, जेसीबी व होलपैक मशीन चलते हैं जिनमें हजारों लोग काम करते हैं, साथ ही सैकड़ों पदाधिकारी भी काम करते हैं. हालांकि पैनम के अचानक बंद होने के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है.
लेकिन चर्चा है कि कोई अन्य कंपनी अब यहां उत्खनन करने वाली है. जो बंगाल की कंपनी है. जो भी हो पैनम के अचानक बंद हो जाने से इलाके में जबरदस्त चर्चा का बाजार गरम है. दूसरी ओर इस खबर से ट्रांसपोर्टरों की चिंता की लकीरें तन गयीं हैं. क्योंकि उन्हें तीन महीने से कोई किराया नहीं मिला है. यह राशि 20 करोड़ की बतायी जाती है.
माइंस में सन्नाटा
बता दें कि पैनम कोल माइंस में हजारों लोग काम करते हैं. यहां करीब 800 डंपर चलते हैं. हर डंपर में दो ड्राइवर व दो खलासी 24 घंटे तैनात रहते हैं. इसके अलावा यहां उत्खनन करने वाले जेसीबी, होलपैक मशीन में भी सैकड़ों की संख्या में लोग काम करते हैं. साथ ही माइंस में कंपनी के दर्जनों इंजीनियर व अन्य कर्मी दिन रात लगे होते हैं. इस सूचना के बाद से माइंस में पूरी तरह सन्नाटा पसर गया है.
ट्रांसपोर्टर चिंतित
यहां काम करने वाले 110 ट्रांसपोर्टरों एवं डंपर मालिकों की परेशानी भी बढ़ गयी है. ट्रांसपोर्टरों ने बताया कि माइंस के अचानक बंद हो जाने की कोई जानकारी पैनम प्रबंधन ने नहीं दी. उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दो तीन माह से परिवहन का लगभग 15-20 करोड़ रुपये कंपनी के पास बकाया है. इस समस्या को उपायुक्त के समक्ष रखा जायेगा.
कई होटल व गैराजों में काम नहीं
इस इलाके में ऐसे दर्जनों होटल व गैराज हैं जो पैनम कोल माइंस के कारण गुलजार रहते थे. रविवार रात से खनन बंद हो जाने के कारण यहां सन्नाटा है. पैनम लिंक रोड में करीब 30 होटल व ढाबे व इलाके में करीब 50 बड़े गैराज हैं जहां सोमवार से कोई काम नहीं दिख रहा.