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समझाने के बाद विस्थापन की गलतफहमी दूर

217 करोड़ की लागत से शुरू होनी है लिट्टीपाड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना बरमसिया के पास बांसलोई नदी में बनाया जाना है वियर वाॅल व इंटेक वेल बरमसिया गांव के समीप बनेगा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट विस्थापित हो जाने के भ्रम में लोगों ने किया था विरोध अमड़ापाड़ा : 217 करोड़ की लागत से शुरू होने वाले […]

217 करोड़ की लागत से शुरू होनी है लिट्टीपाड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना
बरमसिया के पास बांसलोई नदी में बनाया जाना है वियर वाॅल व इंटेक वेल
बरमसिया गांव के समीप बनेगा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट
विस्थापित हो जाने के भ्रम में लोगों ने किया था विरोध
अमड़ापाड़ा : 217 करोड़ की लागत से शुरू होने वाले लिट्टीपाड़ा बहू ग्रामीण जलापूर्ति योजना के शुरुआती दौर में ही जिला प्रशासन व संवेदक को ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा था. उक्त योजना के तहत प्रखंड क्षेत्र के बरमसिया गांव के समीप बांसलोई नदी में सिंचाई विभाग की ओर से पांच वियर वाॅल, इंटेक वेल व बरमसिया गांव के समीप वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाये जाने को लेकर संवेदक व विभाग की ओर से जमीन की मापी का विरोध बरमसिया गांव के ग्रामीणों ने कर दिया.
इसकी सूचना मिलने पर डीसी के निर्देश पर रविवार को एसडीओ जितेंद्र कुमार देव व डीएसपी मुख्यालय नवनीत ए हेम्ब्रम सहित अन्य पदाधिकारी बरमसिया गांव पहुंच कर ग्रामीणों से बातचीत की. पदाधिकारियों व ग्रामीणों के बीच हुए वार्ता के दौरान यह मामला सामने आया कि ग्रामीणों को इस बात को लेकर गुमराह किया गया था कि फुटबॉल मैदान पर 300 से भी अधिक आवास बाहर के लोगों द्वारा बनाया जाना है. इसके बाद गांव के लगभग लोग विस्थापित हो जायेंगे. इसी मामले को लेकर ग्रामीणों ने इसका जम कर विरोध किया था.
जानकारी के मुताबिक उक्त योजना की शुरुआत को लेकर बरमसिया मौजा के थाना संख्या 12, खाता नंबर 32 के प्लॉट नंबर 463, 462, 465 में छह एकड़ जमीन पर प्रस्तावित है. योजना के निर्माण का जिम्मा तहल कंसलटेंट इंजीनियर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को मिला है. प्रशासन व ग्रामीणों के बीच हुए बैठक में एसडीओ ने ग्रामीणों को बताया कि किसी प्रकार का आवास बनाने का प्रावधान नहीं है.
इस योजना से क्षेत्र के लोगों को काफी लाभ मिलेगा. कहीं भी ग्रामीण के विस्थापन की बात नहीं है.
उन्होंने ग्रामीणों से सरकार की ओर से चलाये जा रहे योजनाओं व उनसे मिलने वाले लाभ की भी जानकारी ली. जिस पर ग्रामीणों ने वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, आंगनबाड़ी केंद्र के नियमित संचालन, गांव से लगभग दो किलोमीटर दूर जविप्र दुकान होने व अन्य समस्याओं को रखा. जिस पर एसडीओ श्री देव ने बैठक में मौजूद बीडीओ को समस्याओं को दूर करने के लिए पहल करने व सूची तैयार कर जिला मुख्यालय को भेजने का आश्वासन दिया. बैठक में गांव के अधिक लोग शामिल नहीं थे, इस कारण बैठक को स्थगित करना पड़ा.
पदाधिकारियों के मुताबिक जल्द ही ग्रामीणों व प्रशासन के बीच एक बैठक की जायेगी. इसमें मामले को पूरी तरह सुलझा लिया जायेगा. मौके पर पुलिस निरीक्षक सह नगर थाना प्रभारी इंदु शेखर झा, पुलिस निरीक्षक सह अमड़ापाड़ा थाना प्रभारी वीरेंद्र कुमार पांडेय, बीडीओ रोहित सिंह, सीओ सफी आलम, सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता शोभाकांत सिंह, सहायक अभियंता महेंद्र पासवान, पीएचइडी सहायक अभियंता मनीष कुमार, सीआइ प्रशांत चांद, टीआइएसआइपीएल के डिप्टी मैनेजर रंजीत कुमार सिंह सहित अंचल कर्मी, कनीय अभियंता, पुलिस बल मौजूद थे.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
ग्रामीणों के बीच यह गलतफहमी घर कर गयी थी कि उन्हें विस्थापित कर 300 आवास बाहर के लोगों को वहां मुहैया कराया जा रहा है. जिसमें ग्रामीणों की सारी जमीन भी चली जायेगी. इसी मामले को लेकर ग्रामीणों ने योजना का विरोध किया था. प्रथम बैठक में अधिकांश ग्रामीण वस्तुस्थिति से अवगत हो गये हैं. फुटबॉल प्रतियोगिता होने के कारण गांव के अधिकांश युवा गोपीकांदर चले गये थे. जिस कारण जल्द ही एक और बैठक ग्रामीणों के बीच की जायेगी.
जितेंद्र कुमार देव, अनुमंडल पदाधिकारी, पाकुड़

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