चंदवा : प्रखंड के लाधुप पंचायत अंतर्गत हेसला गांव के भरी टोला में 72 घंटे में तीन लोगों की मौत मलेरिया से हो गयी. जबकि 55 आक्रांत हैं. मृतकों में देवंती कुमारी (14 वर्ष, पिता भिखु गंझू), सुमन कुमारी (छह वर्ष, पिता राजेश गंझू) तथा सुरेंद्र गंझू (आठ वर्ष, पिता बालजीत गंझू) शामिल हैं.
देवंती की मौत नौ अक्तूबर की सुबह जबकि सुमन की मौत सात तथा सुरेंद्र की मौत आठ अक्तूबर को हुई. बीमारी से तीन की मौत व दर्जनों आक्रांत की सूचना मिलते ही मुखिया बिफई मुंडा, उनकी पत्नी आशा देवी व ग्रामीण हेसला गांव पहुंचे. उधर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चंदवा के प्रभारी डॉ हरेन चंद महतो के नेतृत्व में डीआरएसओ डॉ अक्षय कुमार सिंह, लैब टेक्निशियन पंकज पांडेय, एएनएम रंजीता कुजूर, स्वास्थ्य कर्मी देवाशीष पंडा व प्रवीण कुमार भी गांव पहुंचे. पीड़ितों की जांच की. रक्त जांच में बीमार 45 लोगों में 42 मलेरिया पीएफ के रोगी पाये गये. मेडिकल टीम ने भरी टोला का जायजा लिया. टोला में तीन दिन में तीन बच्चों की मौत से सन्नाटा पसरा है.
परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है.ग्रामीण सफाई पर ध्यान दें : प्रभारीसामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ एचएन महतो ने कहा कि मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है. मलेरिया के कारण ही तीन लोगों की मौत हुई है. उन्होंने ग्रामीणों से सफाई पर ध्यान देने की बात कही. आसपास जलजमाव खत्म करने, मच्छरदानी का प्रयोग व झाड़ियों की कटाई करने की बात कही. संसाधन विहीन है स्वास्थ्य उपकेंद्रस्वास्थ्य उपकेंद्र हेसला के दायरे में चार गांव आते हैं. इनमें हेसला, दुधीमाटी, आरा व कुदरा गांव शामिल हैं. चारों गांव की आबादी करीब 2926 है.
बावजूद स्वास्थ्य उपकेंद्र को संसाधन युक्त नहीं किया गया है. ग्रामीणों ने संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की है. अजा बहुल है भरी टोलाभरी टोला अजा बहुल है. टोले के 40 घर में करीब 150 लोग रहते हैं. टोला तक जाने के लिए पहुंच पथ तक नहीं है. पेयजल का भी अभाव है. लोगों की जीविका का साधन मजदूरी है. प्रखंड मुख्यालय से हेसला गांव की दूरी 20 किमी है.