इसका नेतृत्व एसबीआइ सहायक महासचिव शैलेंद्र कुमार देव ने किया. सरकारी बैंक के कर्मियों व अधिकारियों ने सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रखा. बैंककर्मियों ने एनपीए हुए लोन की वसूली एफआरडीआइ बिल वापस करो, सभी संवर्गो में उचित नियुक्ति जल्द हो सहित छह सूत्री मांग शामिल है. यूनाइटेड फोरम के अधिकारी शैलेंद्र देव ने कहा कि यूनियन जन विरोधी बैंकिंग सुधार करने, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों व क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का निजीकरण करने, कॉरपोरेट बैड लोन एनपीए की माफी करने व बैंक शुल्क में वृद्धि करने का विरोध किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार को इन मांगों पर पुर्नविचार करना होेगा.
बैंक कर्मियों की मांगों पर सरकार को बदलाव करना होगा, नहीं तो फोरम सरकार के खिलाफ विचार करेगी. उन्होंने कहा कि निजी बैंक का नैतिक समर्थन मिला. मौके पर क्षेत्रीय सचिव अभिजित सिन्हा, एनसीडीइ के क्षेत्रीय सचिव पंकज राज, एनसीडीइ के महासचिव विनोद कुमार, ग्रामीण बैंक के कोशिक मल्लिक, सेंट्रल बैंक देवेश माइत्रा, आंध्रा बैंक के मनोज कुमार, ओरियंटल बैंक के संतोष सिंह, इलाहाबाद बैंक के रामावतार प्रसाद, एसबीआइ संजय कुमार सहित कई कर्मी व अधिकारी शामिल थे.