कोडरमा : केंद्र सरकार के बड़े फैसले 500 व 1000 के नोट बंद किये जाने के बाद झुमरीतिलैया बाजार से लेकर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अफरा-तफरी का माहौल रहा. हालांकि, सरकार ने नोट बदलने के लिए 50 दिन का समय निर्धारित की है, पर रोजमर्रा का सामान खरीदने निकले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. खासकर सफर पर निकले लोग अधिक परेशान दिखे. शहर के व्यवसायी विक्की तेजपाल ने कहा कि सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है, अब काला धन सामनेआ जायेगा.
सरकार के इस फैसले से दुकानदारों को कोई परेशानी नहीं है. कोडरमा स्टेशन पर डीवीसी बांझेडीह के आरके झा ने बातचीत में कहा देश भर में जो भी गलत पैसा है, उसका अब खुलासा होगा.
हालांकि सफर पर निकले यात्रियों को परेशानी होगी. सरकार को यात्रियों के लिए तत्काल कोई सुविधा चालू करनी चाहिए, ताकि खुदरा पैसा उपलब्ध हो सके. कोडरमा स्टेशन पर उमेश सिंह ने कहा कि एक दिन काला धन को लेकर स्टेप उठाना था सरकार ने अब उठा लिया, इसलिए इस फैसले का स्वागत होना चाहिए. प्रधानमंत्री ने पहले उद्योगपति व पूंजीपति को पहले से चेतावनी भी दे दी थी, अब सबकी हकीकत सामने आयेगी. पुरलिया पश्चिम बंगाल जा रहे महामाया प्रसाद ने बताया कि इस तरह के फैसले से आम जनता पर अधिक असर नहीं होने वाला है. हालांकि सफर करने में काफी परेशानी होगी. सरकार को इसकी सूचना पहले देनी चाहिए थी, ताकि जनता अपनी जरूरत के लिए कुछ व्यवस्था कर लेती. भाजपा के मीडिया प्रभारी चंद्रशेखर जोशी ने केंद्र सरकार के फैसले को ऐतिहासिक बताया है. उन्होंने कहा कि काला धन अब वापस आयेगा और बाजार को मजबूती मिलेगी.
स्टेशन पर चेंज देने के लिए सक्रिय रहे दलाल: सरकार के इस फैसले का कुछ लोगों ने गलत फायदा उठाना शुरू कर दिया है. प्रभात खबर टीम जब कोडरमा स्टेशन पहुंची, तो यहां सतगावां से पहुंचे अरविंद कुमार ने बताया कि उन्हें तत्काल रांची होते हुए टाटा जाना था.
इसके लिए टिकट लेने काउंटर पर गये, पर वहां बैठे व्यक्ति ने चेंज नहीं होने का हवाला देकर टिकट नहीं दिया. काफी मिन्नत की पर नहीं मानें. इस बीच वहां पास खड़े एक व्यक्ति ने पांच सौ के नोट के बदले एक-एक सौ के चार नोट दिये. इस तरह और कुछ लोगों को पैसे दिये गये. युवक का आरोप था कि काउंटर की मिलीभगत से दलाल सक्रिय होकर काम कर रहे हैं. जसीडीह जाने के लिए स्टेशन पहुंचे एमके सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री का फैसला अच्छा है, पर टिकट लेने देने में काफी परेशानी हुई. एटीएम बंद रहने से परेशानी अलग हुई. कम पैसा लेकर घर से निकले हैं, अब समझ में नहीं आ रहा क्या करें.
चेंबर आॅफ काॅमर्स ने किया स्वागत: केंद्र सरकार के फैसले का चैंबर आफ कामर्स झुमरीतिलैया ने स्वागत किया है. अपनी प्रतिक्रिया देते हुए चैंबर के अध्यक्ष श्याम सुंदर सिंघानिया ने कहा कि सरकार का यह कदम ऐतिहासिक है. कुछ समय के लिए व्यापारी व आम जनता को परेशानी होगी, पर लोगों को पैनिक होने की जरूरत है. देश हित में काला धन वापस लाने के लिए यह कदम उठाना जरूरी था. अब ऐसे ब्यूरोक्रेटस, घूसखोर अफसर व नेताओं की पोल जरूर खुलेगी, जिन्होंने पैसा दबा कर रखा है. हालांकि सिंघानिया ने यह भी कहा कि अचानक लिये गये इस फैसले से आम लोगों की परेशानी बढ़ी है.
गृहिणियां जो बचत कर पैसे रखी थी, उन्हें सामने लाने होगा. सरकार का फैसला भविष्य में व्यापारियों के लिए अच्छा रहेगा. वहीं सर्राफा कारोबारी संघ के नरेंद्र प्रसाद आर्या ने कहा कि इस फैसले से आम जनता को फायदा होगा. बड़े पूंजीपति, अफसर, डाॅक्टर, इंजीनियर जो पैसा दबा कर बैठे हैं, वो पैसा अब बैंक में जाने के बाद आम जनता के बीच पहुंचेगा. यह काम सरकार को पहले करनी चाहिए थी. उन्होंने बताया कि सरकार के फैसले के बाद सोना चांदी के दर में हल्का इजाफा हुआ है.
चावल-दाल तक खरीदना मुश्किल: शहर में बड़े नोट से चावल-दाल तक खरीदना मुश्किल नजर आया.
झंडा चौक पर व्यापार करनेवाले चावल व्यवसायी सुनील कुमार ने बड़ा नोट देने पर चावल की बिक्री नहीं की. उन्होंने पूछने पर कहा, जब मोदी सरकार ने स्वयं 12 बजे रात से इन नोटों के प्रचलन को अवैध बताया है, तो इस पर सामान कैसे दे सकते हैं. उन्होंने बताया कि सरकार के फैसले के बाद व्यापार पर प्रभाव पड़ा है. इधर, गृहिणी अमृता सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अच्छा फैसला तो लिया है, पर अचानक इन रुपयों के बंद करने से परेशानी हो रही है. यहां तक की चावल दाल खरीदना मुश्किल हो गया है.
राशन दुकान वाले सामान तक नहीं दे रहे हैं. सुनीता देवी ने कहा कि फैसला अच्छा है, पर पहले जनता को सूचना होनी चाहिए थी. जो आदमी सफर पर निकला है, ट्रेन पर है वह तो कम पैसा लेकर निकला है. वह तो एटीएम पर ही निर्भर है. दो दिन एटीएम बंद हैं ऐसे में लोगों का क्या होगा. शांति देवी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अच्छा काम किया है, पर दुकानदार बाजार में इन नोटों को लेने से मना कर रहे हैं. हालांकि अब काले धन का खुलासा होगा.
लोगों को दूध खरीदना तक मुश्किल हो गया. सीमा कुमारी ने कहा कि सरकार का फैसला तो सही है, पर अचानक इस तरह नहीं होना चाहिए था. रोजमर्रा का सामान खरीदने में परेशानी है, महिलाएं जो पैसा बचाकर रखी है उसे भी सामने लाना होगा. डोमचांच के शिवसागर निवासी राजेश कुमार मेहता दूध लेने दुकान पहुंचे, जहां उन्होंने 500 का नोट दिया, लेकिन दुकानदार ने नोट लेने से इनकार कर दिया. बाद में मिन्नत करने पर दुकानदार अशोक कुमार ने दूध तो दे दिया, पर रुपया बाद में देने को कहा.
दवा दुकान में नहीं लिये गये नोट, पेट्रोल पंप पर हुई मनमानी: बाजार में बड़े नोट बंद किये जाने के बाद ऊहापोह की स्थिति रही. सरकार ने दवा दुकानों, अस्पतालों व पेट्रोल पंपों पर अगले तीन दिनों तक इन नोटों के स्वीकार करने का आदेश दिया है, पर बाजार में ऐसा कुछ नहीं दिखा. शहर के झंडा चौक पर स्थित मोहन स्टोर में ग्राहकों से दोपहर बाद 500 व 1000 के नोट लेने बंद कर दिये गये.
पूछने पर संचालक विवेक छाबड़ा ने बताया कि जब तक हमारे पास खुदरा था, नोट लिया गया अब हमारे पास खुदरा ही नहीं है तो बड़ा नोट कैसे लें. उन्होंने यह भी बताया कि बड़े दवा व्यापारी 500 व हजार के नोट में पेमेंट नहीं ले रहे हैं, तो हम इस पैसे को लेकर क्या करें. शहर के कुछ अस्पतालों यहां तक की होली फैमिली, सदर अस्पताल स्थित जांच घर एसआरएल में भी लोगों से बड़े नोट नहीं लिये गये. पीपीपी मोड़ पर संचालित एसआरएल में सुबह में मरीजों ने हंगामा किया, तो यहां के टेक्नीशियन राजेश कुमार ने रांची में बात की. वहां से नोट लेने को कहा गया, तो फिर लोगों को राहत मिली.
हालांकि बाजार में अन्य दवा दुकानों पर बड़े नोट नहीं लिये गये. डोमचांच के व्यवसायी प्रदीप साव ने बताया कि मैंने 500 व 1000 रुपया का नोट ग्राहकों से लिया और कुछ ग्राहकों को रुपया घुमाया, मगर खुदरा पैसा का आज अभाव हो गया, जिससे लोगों को परेशानी हुई.
इधर, पेट्रोल पंपों पर संचालकों की मनमानी खूब चली. जिले के अधिकतर पेट्रोल पंपों पर 500 व 1000 के नोट तो लिये जा रहे थे, पर इससे कम का पेट्रोल व डीजल ग्राहकों को नहीं दिया जा रहा था. ऐसे में जिसे कम पैसे का पेट्रोल या डीजल लेना था उसके लिए परेशानी हुई. संचालक दिन भर खुदरा नहीं होने का बहानाबनाते रहे.