आये दिन कहीं न कहीं अवैध रूप से विस्फोटक मिलने के बाद कोडरमा से जुड़ रहे तार
विस्फोटक लाइसेंस धारियों की जांच के लिए डीसी ने बनायी टीम, आज हो सकती है जांच
कोडरमा : जिले में अनियंत्रित पत्थर खनन को लेकर तो पहले से सवाल उठते रहे हैं, पर खनन कार्य में प्रयोग में लाये जानेवाले विस्फोटक पदार्थ के व्यापार को लेकर भी अब भी सवाल उठने लगे हैं. खनन कार्य के लिए आमतौर पर विस्फोटकों का प्रयोग तो किया जाता है, लेकिन जिस तरह आये दिन कोडरमा व जिले से बाहर विस्फोटक जब्त हो रहे हैं.
उसके बाद पुलिस प्रशासन ने पहली बार पूरी तरह जांच प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है. हालांकि जांच कितनी कारगर होगी, यह आनेवाले समय में साफ होगा. जानकारी के अनुसार हाल के दिनों में जिले से बाहर अवैध विस्फोटक की बरामदगी का मामला सामने आने के एक मामले के बाद एसपी जी क्रांति कुमार की अनुशंसा के बाद जिस तरह डीसी संजीव कुमार बेसरा ने जांच टीम बनायी है, उससे यही लग रहा है कि जल्द ही विस्फोटक के अवैध व्यापार पर शिकंजा कसेगा. डीसी ने इस संबंध में 14 सितंबर को ही एक निर्देश जारी कर विस्फोटक लाइसेंस धारियों की पूरी जांच करने को कहा है. इसके लिए बकायदा एक जांच टीम बनायी गयी है. टीम में एसी प्रवीण कुमार गागराई, एसडीओ प्रभात कुमार बरदियार, डीएमओ राजेश लकड़ा, सभी सीओ व थाना प्रभारी को रखा गया है.
इसके अलावा एसडीओ को कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर कार्यपालक दंडाधिकारी कमलेंद्र कुमार सिन्हा, रेणु बाला व बाजार समिति के सचिव अभिषेक आनंद को इसमें शामिल किया जा सकता है. टीम को 16 सितंबर तक जांच कर प्रतिवेदन देने को कहा गया है. हालांकि अभी जांच शुरू नहीं हो पायी है. उम्मीद है कि शुक्रवार को जांच हो सकती है.
इन बिंदुओं पर है जांच करने का निर्देश: जारी पत्र में डीसी ने लिखा है कि आये दिन कहीं न कहीं अवैध रूप से विस्फोटक का भंडारण या परिवहन करते हुए जांच में पकड़े जा रहे हैं.
कई मामले में उनका तार कोडरमा से भी जुड़ा होता है. ऐसे में विस्फोटक लाइसेंस धारियों की जांच के दौरान स्टॉक पंजी पृष्टांकित व सत्यापित है या नहीं, अद्यतन संधारित है या नहीं, मैगजीन का निर्माण एक्सपलोसिव रूलस 2006 के प्रावधानों के अनुरूप कराया गया है या नहीं, ट्रांसपोर्ट वैन का परिचालन विधिवत हो रहा है या नहीं और इसका निर्माण प्रावधानों के अनुसार है या नहीं, स्टॉक की जांच करते समय यह विशेष ध्यान रखना है कि लेखा संधारण, खाता संधाराण, परिचालन रिकार्ड संधारण के अलावा वाहन को पास निर्गत किया जाता है या नहीं की भी जांच करें. डीएमओ को यह भी निर्देश दिया गया है कि जहां भी खनन कार्य में विस्फोटक का प्रयोग होता है, वहां सोट फाइरर प्रतिनियुक्त है या नहीं और वही ब्लास्टिंग करते हैं या नहीं.
गया में पकड़ाया विस्फोटकों का जखीरा, कोडरमा में मैगजीन सील
हाल के दिनों में जिले के अंदर विस्फोटकों का जखीरा तो नहीं पकड़ा गया, पर जिले से बाहर भारी मात्रा में विस्फोटक पकड़ाये जाने के बाद कोडरमा का नाम इसमें आया. विस्फोटक कोडरमा से बोलेरो पर लाद कर गया की ओर ले जाया जा रहा था. इस दौरान बाराचट्टी के पास पुलिस ने बोलेरो को रोका, तो इसमें करीब 10हजार पीस डेटोनेटर व अन्य समान बरामद हुआ. पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार भी किया. यह मामला करीब छह दिन पूर्व का है. इसके बाद पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि विस्फोटक कोडरमा से ला रहे थे.
पुलिस ने पूछताछ के बाद मरकच्चो के नवलशाही थाना क्षेत्र में स्थित एक मैगजीन हाउस में रात में छापामारी की. छापामारी का नेतृत्व गया के सिटी एसपी व कोडरमा के एएसपी कर रहे थे. जांच के दौरान इस मैगजीन हाउस में सभी कागजात खंगाले गये. बाद में इसे सील कर दिया गया. पुलिस ने जिस मैगजीन को सील किया वह फुलवरिया के रवींद्र प्रसाद मेहता का बताया जाता है.
रवींद्र प्रसाद मेहता समेत कई लोग हैं नामजद, लाइसेंस रद्द करने की अनुशंसा
गया के बाराचट्टी में विस्फोटकों की बरामदगी के बाद इसके कोडरमा से ले जाये जाने की बात सामने आयी, तो पुलिस ने जांच कर मैगजीन सील कर दिया. वहीं गया पुलिस ने दर्ज मामले में मैगजीन हाउस के संचालक रवींद्र प्रसाद मेहता को भी नामजद आरोपी बनाया. इस मामले में कई अन्य आरोपी नामजद हैं. एसपी जी क्रांति कुमार ने बताया कि इस व्यक्ति के संबंध में पहले भी कई शिकायतें मिली थी. जब मैं गिरिडीह में एसपी था तो उस समय इसके मैगजीन से अवैध व्यापार की बात सामने आयी थी. उस समय भी कार्रवाई की गयी थी.
इस संबंध में हमने वहां के उपायुक्त को लिखा था. रवींद्र प्रसाद मेहता एक मैगजीन कोडरमा में चलाता था. इससे भी विस्फोटक के अवैध व्यापार की बात सामने आयी है. इसके बाद गया व कोडरमा पुलिस ने कार्रवाई की है. उक्त मैगजीन को सील करते हुए इसके लाइसेंस को रद्द करने की भी अनुशंसा की गयी है. उन्होंने बताया कि पांच दिन पूर्व उन्होंने सभी मैगजीन हाउस की जांच करने के लिए डीसी को अनुरोध पत्र लिखा था. विस्फोटक के अवैध व्यापार को लेकर पुलिस सख्ती बरत रही है.