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पावर प्लांट के मजदूरों ने की हड़ताल

जयनगर : बांङोडीह पावर प्लांट की मेंटेनेंस कंपनी में कार्यरत मजदूरों ने कंपनी की मनमानी के खिलाफ एक दिनी हड़ताल कर गेट नंबर एक के बाहर धरना दिया. धरना की अध्यक्षता कन्हाय यादव व संचालन विजय पासवान ने किया. धरना को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि कंपनी द्वारा पैसा देने में भी आनाकानी […]

जयनगर : बांङोडीह पावर प्लांट की मेंटेनेंस कंपनी में कार्यरत मजदूरों ने कंपनी की मनमानी के खिलाफ एक दिनी हड़ताल कर गेट नंबर एक के बाहर धरना दिया. धरना की अध्यक्षता कन्हाय यादव संचालन विजय पासवान ने किया.

धरना को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि कंपनी द्वारा पैसा देने में भी आनाकानी की जाती है. मजदूरों को किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं देकर हटाया जा रहा है. विभिन्न कंपनियों द्वारा मजदूरों का शोषण हो रहा है.

इसमें मुख्य रूप से लोकनाथ एसएनएस सिंह कंपनी द्वारा मजदूरों का शोषण किया जा रहा है. वक्ताओं ने यह भी कहा कि श्रम अधिनियम के तहत मजदूरों को सुविधाएं नहीं दी जा रही है. इस संबंध में अगस्त माह में एसएनएस कंपनी के साइड इंचार्ज द्वारा मजदूरों की मांग को पूरा करने की बात कही गई.

मगर साइड इंचार्ज जितेंद्र सिंह ने मजदूरों की मांग मानने से इनकार कर दिया. धरना स्थल पर आयोजित सभा को राजकुमार साव, जितेंद्र सिंह, महेंद्र मोदी, रामसहाय यादव, छोटेलाल मंडल, शंकर सुमन, सिकंदर साव, राजा राम, राजकुमार, महेश यादव आदि ने संबोधित किया. मौके पर सतीश भारती, गाजी खान, वरुण गिरि, गौतम शर्मा, सीताराम साव, संजय साव, विजय साव, राजेंद्र साव, खगेंद्र साव, चौधरी साव, मनोज साव, सुरेश पासवान, महेश पासवान सहित भारी संख्या में मेंटेनेंस कंपनी के मजदूर मौजूद थे.

वार्ता 19 को : धरना के उपरांत हुई वार्ता विफल रही और प्रबंधन ने इसके लिए 19 नवंबर की तिथि निर्धारित की है.

वार्ता में सीआइएसएफ के कमांडेंट एम केरकेट्टा, डीवीसी के पीके सहाय, ओम प्रकाश, थाना प्रभारी अशोक सिंह आदि शामिल थे, मगर वार्ता सफल नहीं हुई. मजदूरों ने निर्णय लिया है कि अगर 19 की वार्ता सफल नहीं हुई तो 19 के 15 दिनों बाद प्लांट का कामकाज पूरी तरह से ठप कर देंगे.

प्लांट में पहली बार बिना नेता के आंदोलन : प्लांट के मजदूरों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पहली बार एक ऐसा आंदोलन किया है जो राजनीति से परे है और इसमें कोई नेता नजर नहीं आया. मजदूर अपने हक अधिकार की लड़ाई खुद लड़ रहे हैं. हालांकि इस लड़ाई को कई लोग उचित करार देते हुए मजदूरों की मांगों को जायज बताया है.

मजदूरों की मांगें : एरियर भुगतान, बोनस भुगतान, हाइट अलाउंस, साइड अलाउंस, रूम रेंट, पे स्लीप, सुरक्षा व्यवस्था, चिकित्सा व्यवस्था प्रदूषण से बचने के उपाय करने की मांग.

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