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309 वादों का निष्पादन

कोडरमा : जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार बिपिन बिहारी, उपायुक्त सह उपाध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार रमेश घोलप समेत अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर […]

कोडरमा : जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार बिपिन बिहारी, उपायुक्त सह उपाध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार रमेश घोलप समेत अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया.

प्रधान जिला जज बिपिन बिहारी ने कहा कि लोक अदालत शीघ्र, सस्ता व सुलभ न्याय पाने का सशक्त माध्यम है. इसके माध्यम से जहां एक ओर लोगों को समय व पैसों की बचत होती है, वहीं लोगों को त्वरित न्याय भी मिलता है.
उन्होंने सभी विभागों के पदाधिकारियों से अधिक से अधिक मामलों का निष्पादन में सहयोग करने की अपील की. उपायुक्त ने कहा कि लोक अदालत आज के परिवेश में किसी परिचय का मोहताज नहीं है. इससे समाज के अंतिम व्यक्ति को भी त्वरित व नि:शुल्क न्याय प्रदान किया जाता है. कहा कि लोक अदालत के माध्यम से समाज के लोगों को सस्ता, सुलभ व सरल तरीके से न्याय मिलता है.
जिला जज प्रथम रामाशंकर सिंह ने कहा कि लोक अदालत में कोई न्यायाधीश नहीं होता. इसमें पक्षकार खुद न्यायाधीश की भूमिका अदा करते है. उन्होंने कहा कि लोक अदालत की लोकप्रियता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. जिला जज द्वितीय संजय कुमार सिंह ने कहा कि लोक अदालत में दोनों पक्षों की जीत होती है. इसमें कोई भी पक्ष हारता नहीं है. उन्होंने लोगों से सरकारी संपत्ति की रक्षा करने की अपील की.
स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार पांडेय ने कहा कि लोक अदालत दोनों पक्षकारों को संतुष्ट करते हुए अपना निर्णय प्रदान करता है. अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि लोक अदालत आमलोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है. अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष जगदीश सलूजा ने कहा कि लोक अदालत की सफलता में अधिवक्ताओं का भरपूर सहयोग प्राप्त होगा. उन्होंने राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता की शुभकामना दी. प्राधिकार के सचिव मो उमर ने राष्ट्रीय लोक अदालत की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया.
कार्यक्रम का संचालन न्यायालयकर्मी रंजीत कुमार सिंह ने किया. राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल छह बेंचों का गठन किया गया था. बेंच संख्या एक में जिला जज प्रथम रामाशंकर सिंह, अधिवक्ता सुधीर कुमार सिन्हा, रीना कुमारी, बेंच संख्या दो में जिला जज द्वितीय संजय कुमार सिंह, अधिवक्ता भुनेश्वर राणा, ऋतम कुमारी, बेंच संख्या तीन में सीजेएम शेखर कुमार, अधिवक्ता संजय कुमार सिंह व अंशु यामिनी, बेंच संख्या चार में न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी लीडिया फ्रांसिस्का केरकेट्टा, अधिवक्ता लखन प्रसाद सिंह व शांति कुमारी, बेंच संख्या पांच में न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी इला कांडपाल, जिला नीलाम पत्र पदाधिकारी सह अनुमंडल पदाधिकारी विजय कुमार वर्मा, अधिवक्ता कंचन गोपाल भारती, बेंच संख्या छह में स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार पांडेय व स्थायी लोक अदालत की सदस्य बालेश्वर राम, ब्रजमोहन साह ने मामले की सुनवाई की. छह बेंचों के माध्यम से कुल 309 वादों का निष्पादन किया गया. इसमें लंबित वादों की संख्या 165 व प्री-लिटिगेशन के 144 मामले शामिल हैं. जबकि विभिन्न विभागों से कुल 98,56,880 रुपये राजस्व की वसूली की गयी.
मौके पर एसडीजेएम सह न्यायाधीश प्रभारी राजीव कुमार सिंह, एपीपी बिनोद कुमार, अंजलिना बारला, पूर्व एलडीएम केसी दास, स्टेट बैंक के मुख्य शाखा प्रबंधक, वन विभाग, उत्पाद विभाग, विद्युत विभाग के पदाधिकारी व विभिन्न बैंकों के अधिकारी-कर्मचारी, न्यायालयकर्मी शंकर प्रसाद, मनोज कुमार, अनिल कुमार सिंह, मनोज मिश्रा, आशीष कुमार सिन्हा, रंजीत कुमार सिंह, राजकुमार राउत, महेंद्र नारायण, राजीव कुमार, रवींद्र कुमार, संजय कुमार सिन्हा, संतोष कुमार, कुमार संजय, गोपाल चंद्र महतो, प्रमोद चौधरी, शोयेब अहमद, अमृता कुमारी, नवीन भारती मौजूद थे.

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