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खलारी-राय का सर्वाधिक है राजस्व
खलारी : खलारी प्रखंड के तीन रेलवे स्टेशनों से कोयला ढुलाई के मद में रेलवे को इस वर्ष लगभग 30 अरब रुपये का राजस्व मिला है. जो गत वर्ष की अपेक्षा छह अरब रुपये कम है. गत वर्ष खलारी तथा राय रेलवे स्टेशन से रेलवे को लगभग 36 अरब रुपये का राजस्व मिला था. इस […]
खलारी : खलारी प्रखंड के तीन रेलवे स्टेशनों से कोयला ढुलाई के मद में रेलवे को इस वर्ष लगभग 30 अरब रुपये का राजस्व मिला है. जो गत वर्ष की अपेक्षा छह अरब रुपये कम है. गत वर्ष खलारी तथा राय रेलवे स्टेशन से रेलवे को लगभग 36 अरब रुपये का राजस्व मिला था. इस वर्ष राय स्टेशन से गत वर्ष की अपेक्षा लगभग 600 रैक कोयला कम डिस्पैच हुआ है. इस वर्ष खलारी स्टेशन से लगभग 2600 रैक, राय स्टेशन से लगभग 3400 रैक तथा राजधर कोयला साइडिंग का मैक्लुस्कीगंज स्टेशन से लगभग 280 रैक कोयला डिस्पैच हुआ है.
जबकि 2015-16 में खलारी स्टेशन से 2469 रैक, राय स्टेशन से 4074 रैक कोयला डिस्पैच हुआ था. वहीं 2016-17 में खलारी स्टेशन से 2414 रैक, राय स्टेशन से 4125 रैक का डिस्पैच हुआ था. इस संबंध में यातायात निरीक्षक संजय कुमार ने बताया की पिपरवार एरिया में कई कारणों से इस वर्ष कोयला उत्पादन कम होने के चलते कोयला साइडिंगों में पर्याप्त मात्रा में कोयला नहीं पहुंच पाया, जिसके चलते राय स्टेशन से इस बार कोयले का डिस्पैच कम हो गया.
इधर खलारी रेलवे स्टेशन से गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष अधिक कोयला डिस्पैच हुआ है. रेलवे के अलावा इस क्षेत्र से ट्रकों के माध्यम से भी कोयला बाहर गया है.
इस वर्ष कम कोयला डिस्पैच होने के बावजूद हाजीपुर जोन में रेलवे को सबसे अधिक राजस्व देनेवाले रेलवे राय और खलारी स्टेशन सबसे आगे है. एक रेलवे रेक कोयला डिस्पैच होने पर औसतन 40 से 50 लाख रुपये भाड़ा मिलता है. राय रेलवे स्टेशनों से हरियाणा, पंजाब, दिल्ली तथा उत्तरप्रदेश के पावर प्लांटों में कोयला डिस्पैच होता है.
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