Jamshedpur news. रायरंगपुर.
पंडित रघुनाथ मुर्मू की 121वीं जयंती एवं ओलचिकी लिपि के शताब्दी वर्ष पर तीन दिवसीय समारोह का समापन हो गया. झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन डांडबोस गांव में पंडित रघुनाथ मुर्मू जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. मंत्री रामदास सोरेन अपने आवास से सड़क मार्ग से डांडबोस गांव पहुंचे. यहां उन्होंने सबसे पहले गुरु गोमके की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इसके बाद मंत्री ने ओल चिकि लिपि के जनक के घर भ्रमण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद मंत्री ने कापी बुरु स्थित रघुनाथ मुर्मू की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की और कार्यक्रम स्थल पहुंचे. उन्होंने वहां उपस्थित विभिन्न राज्यों से आये जनजातीय लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु गोमके पंडित रघुनाथ मुर्मू ने संताली समुदाय की अपनी ओल चिकी लिपि का आविष्कार कर पूरे विश्व में उसे एक विशिष्ट पहचान दिलायी उन्होंने कहा कि पंडित मुर्मू हमारे लिए प्रेरणा और आदर्श रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने बताया गया कि झारखंड में झामुमो सरकार ने ट्राइबल यूनिवर्सिटी निर्माण के साथ पंडित रघुनाथ मुर्मू की जयंती तिथि को सरकारी अवकाश घोषित किया है. कार्यक्रम के अगले चरण में मंचासीन अतिथियों ने भाषण के माध्यम से ओलचिकी लिपि के इतिहास, पंडित रघुनाथ मुर्मू की जीवनी और उनके साहित्यिक योगदान पर चर्चा की. कार्यक्रम में झामुमो के प्रदेश अध्यक्ष अंजनी सोरेन, पूर्व विधायक लक्ष्मण टुडू, पूर्व विधायक साइबा सुशील हांसदा, भीमवार मुर्मू, सालू किस्कू, शंखो बास्के, सागेन पूर्ति, झारखंड राज्य आसेका अध्यक्ष सुभाष मरांडी, संताली लेखक पीताम्बर हांसदा समेत अन्य संताली साहित्य और ओल चिकी लिपि शिक्षक उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है