जमशेदपुर: गोविंदपुर थाना क्षेत्र के घोड़ाबांधा गुरुकृपा अपार्टमेंट में टाटा स्टील मोबाइल यूनिट के सेंट्रल सर्विस स्टेशन (इस्ट एंड रोड सेक्शन) के मैनेजर रत्नेश राज पर फायरिंग मामले में अपार्टमेंट के सुरक्षा गार्ड कमल कर्मकार के बयान पर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है. रत्नेश के पिता सुरेश कुमार ओझा छपरा (बिहार) के निवासी हैं. रत्नेश के माता-पिता दोनों कल शहर पहुंचेंगे.
उसके चाचा अवधेश कुमार ओझा बिरसानगर स्थित विजया गार्डेन में रहते हैं. पुलिस ने मामले में बिरसा नगर जोन नंबर तीन के टिंकू यादव, ओम प्रकाश तइया व एक अन्य को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. इन सभी से एसएसपी और सिटी एसपी ने पूछताछ की. अबतक फायरिंग के कारणों का पता नहीं चल पाया है. मालूम हो कि अपराधियों ने 10 फरवरी की रात पौने 10 बजे रत्नेश राज पर घोड़ाबांधा में ताबड़तोड़ गोलियां चलायी थीं. वे टय़ूब मेकर्स क्लब से रात नौ बजे अपने डॉ मित्र आनंद सिंह से मिलने निकले थे. घोड़ाबांधा स्थित गुरुकृपा अपार्टमेंट के समक्ष कार की स्टीयरिंग सीट पर ही अपराधियों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलायीं.
मोबाइल, क्लब रजिस्टर व कार्यालय को पुलिस ने खंगाला
सिटी एसपी कार्तिक एस, डीएसपी सिटी केएन चौधरी, डीएसपी बीएन सिंह की टीम ने मंगलवार को सुबह रत्नेश के मोबाइल फोन की जांच शुरू की. पुलिस टीम टय़ूब मेकर्स क्लब और नीलडीह टय़ूब मेकर्स कॉलोनी स्थित घर पी-4 में जाकर छानबीन की. छानबीन में कोई सुराग नहीं मिला है. पुलिस को पड़ोसियों ने बताया कि रत्नेश मधुर स्वभाव के हैं. पुलिस ने टय़ूब मेकर्स क्लब में काम करने वाले साथियों को बुलाकर पूछताछ की. क्लब में जिम के रजिस्टर को भी पुलिस ने खंगाला. इसके अलावा पुलिस टीम टाटा स्टील में रत्नेश के कार्यालय जाकर भी छानबीन की.
चिकित्सकों ने किया टीएमएच रेफर
दूसरी तरफ रत्नेश को मंगलवार दोपहर बेहतर इलाज के लिए टाटा मोटर्स अस्पताल से टीएमएच रेफर कर दिया गया. रत्नेश के शरीर में लगीं तीन गोलियां निकाल ली गयी हैं. वहीं पेट में एक गोली फंसी हुई है. रक्त के ज्यादा बहाव के कारण चिकित्सक ऑपरेशन नहीं कर पा रहे हैं. घटना की सूचना पाकर काफी संख्या में टाटा स्टील के पदाधिकारी व सहकर्मी अस्पताल में पहुंचे. सुबह 10 बजे के बाद रत्नेश को बेहतर इलाज के लिए टाटा मोटर्स अस्पताल में टीएमएच के चिकित्सकों को बुलाया गया. आधे घंटे तक चिकित्सकों ने गहन मंथन किया, जिसके बाद एंबुलेंस से रत्नेश को टीएमएच ले जाया गया. उसका सीसीयू में ऑपरेशन हुआ. ऑपरेशन के बाद खून का बहना कम हो गया है. समाचार लिखे जाने तक गोली कॉलर बोन में फंसी हुई है. घोडाबांधा-नीलडीह में पुलिस टीम ढूंढ़ती रही सुराग.जिला पुलिस की टीम मंगलवार को सुबह से लेकर देर रात तक घोडाबांधा से लेकर नीलडीह के संदिग्ध जगहों पर टाटा स्टील के मैनेजर रत्नेश राज पर फायरिंग का सुराग ढूंढती रही. डीएसपी विधि व्यवस्था बीएन सिंह, डीएसपी केएन चौधरी ने घोड़ाबांधा जाकर गुरुकृपा अपार्टमेंट के गार्ड समेत डॉ आनंद सिंह से पूछताछ की. कई बिंदुओं पर मंथन किया. देर शाम से रात तक नीलडीह में पुलिस सुराग की तलाश करती रही.
रोजाना शाम में जिम करने की आदत
पड़ोसी अमित ने बताया कि रत्नेश रोजाना शाम में साढ़े छह बजे घर आ जाते हैं. इसके बाद वह अपनी कार से टय़ूब मेकर्स क्लब जाते हैं और वहां पर जिम करते हैं. जिम करने के बाद वह अपने दोस्तों के साथ समय गुजारते हैं. 10 मार्च की शाम को रत्नेश राज नौ बजे टय़ूब मेकर्स क्लब से निकले और अपने डॉ मित्र आनंद सिंह से मिलने के लिए घोड़ाबांधा गये.
इकलौता पुत्र है रत्नेश
मिली जानकारी के मुताबिक रत्नेश अपने घर का इकलौता बेटा है. उसकी दो बड़ी बहने हैं. दोनों की शादी हो चुकी है. मां-बाप छपरा में रहते हैं. वर्तमान में उसके चाचा ने उसका पालन पोषण करने की बात कही है.
सीआइडी की टीम भी पहुंची
रत्नेश पर फायरिंग मामले की जांच सीआइडी टीम ने भी की. टीम के जिला के प्रभारी धनंजय सिंह के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने फायरिंग मामले में कई बिंदुओं पर जांच की. सीआइडी को भी फायरिंग का कुछ सुराग नहीं मिला.