टाटा मोटर्स ने एंसीलियरी कंपनियों को से कह दिया है कि उनके रॉ मैटेरियल यानी जो उपकरण वे लोग कंपनी के लिए बनाते हैं, उसमें बदलाव करना होगा और उसकी क्वालिटी को भी अपग्रेड करना होगा. इसके लिए उपकरणों की डिजाइनिंग के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गयी है. चूंकि, टाटा मोटर्स बीएस-4 स्तर तक अपग्रेड नहीं है.
इसके वजह से उनकी एंसीलियरी कंपनी की स्तर भी बीएस-4 तक नहीं पहुंच पायी है. ऐसे में इन सारी कंपनियों के समक्ष संकट बढ़ सकती है. ऑटोमोबाइल कंपनी को अरबों का नुकसान होने का डर सता रहा है. आयडा क्षेत्र में बैंकों की ओर से कई मशीनों को स्थापित किया गया है. यह सब फाइनांस भी किया गया है. जिसके वजह से बैंकरों को डर सता रहा है कि कहीं बड़ा नुकसान ना हो जाये. आयडा क्षेत्र की कंपनियों के समक्ष परेशानी यह है कि बाहरी कंपनी ज्यादा अपग्रेड है, उनको टाटा मोटर्स वर्क ऑर्डर देने लगेगी.