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स्थानीयता प्रमाण पत्र : कार्मिक विभाग के जारी संकल्प से शहरी क्षेत्रों में उभरा पेंच, 30 साल के साथ अचल संपत्ति भी जरूरी

जमशेदपुर: शहरी क्षेत्रों में स्थानीय प्रमाण पत्र जारी करने में कार्मिक विभाग द्वारा संकल्प के एक प्रावधान से राज्य में स्थानीय प्रमाण पत्र निर्गत होने में पेंच उत्पन्न हो गया है. राजस्वकर्मियों की हड़ताल के कारण एक अोर स्थानीय, जाति, आवासीय प्रमाण पत्र नहीं बन रहे हैं, वहीं कार्मिक विभाग के जारी संकल्प से प्रमाण […]

जमशेदपुर: शहरी क्षेत्रों में स्थानीय प्रमाण पत्र जारी करने में कार्मिक विभाग द्वारा संकल्प के एक प्रावधान से राज्य में स्थानीय प्रमाण पत्र निर्गत होने में पेंच उत्पन्न हो गया है. राजस्वकर्मियों की हड़ताल के कारण एक अोर स्थानीय, जाति, आवासीय प्रमाण पत्र नहीं बन रहे हैं, वहीं कार्मिक विभाग के जारी संकल्प से प्रमाण पत्र निर्गत होने की नयी समस्या उत्पन्न हो गयी है. सोमवार को कुछ संगठनों के लोगों ने मुख्यमंत्री रघुवर दास से भेंट कर स्थानीय प्रमाण पत्र में आ रही समस्या से अवगत कराया.

इसके बाद मुख्यमंत्री ने सर्किट हाउस में उपायुक्त अमित कुमार एवं जमशेदपुर के अंचलाधिकारी महेश्वर महतो से स्थानीय प्रमाण पत्र निर्गत करने में कहां दिक्कत आ रही है, इसकी जानकारी ली. मुख्यमंत्री को जारी संकल्प के कंडिका नंबर 2(ii) में किये गये उल्लेख की जानकारी दी, जिसमें कहा गया है कि कंडिका 2(ii) के अंतर्गत आने वाले व्यक्ति या उसके संतान को 30 वर्षों या अधिक का निवास के साथ-साथ अचल संपत्ति अर्जित करने का प्रमाण स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र के लिए आवश्यक है कि जानकारी दी. साथ ही बताया कि कार्मिक विभाग द्वारा छह जनवरी को जारी पत्र में स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र निर्गत करने में आवश्यक बताया गया है. इस कारण इसे लागू करने में (स्थानीय प्रमाण पत्र निर्गत करने में) विलंब होने की जानकारी मुख्यमंत्री को दी गयी. मुख्यमंत्री ने पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद इसमें बदलाव की जरूरत बताया अौर राज्य स्तर पर इस मुद्दे पर विचार कर निर्णय लेने की बात कही.

जिले में लंबित हैं 5 हजार आवेदन
. जिले में स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र अौर आवासीय के 5 हजार से ज्यादा अॉन लाइन आवेदन लंबित पड़े हुए हैं. 10 फरवरी से राजस्वकर्मियों के हड़ताल के कारण यह आवेदन लंबित पड़े हुए हैं, जबकि हाइस्कूल में टीचर समेत अन्य कई विभागों की बहाली निकली हुई है, जिसमें प्रमाण पत्र अनिवार्य हैं. 10 दिनों पूर्व तक जिले में 3700 आवेदन लंबित थे, जिसमें घाटशिला अनुमंडल में 25 सौ अौर धालभूम अनुमंडल में 12 सौ आवेदन थे. यह संख्या 5 हजार से ज्यादा पहुंच गयी है.
प्रधान सचिव के पत्र से उलझा मामला
कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त एवं उपायुक्तों को 6 जनवरी 17 (पत्रांक 10) को पत्र लिख कर स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र एवं जाति प्रमाण निर्गत करने के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया था. पत्र में कहा गया है कि 18 अप्रैल 16 को निर्गत संकल्प संख्या 3198 द्वारा निर्धारित शर्तों के अधीन ही स्थानीयता प्रमाण पत्र निर्गत किया जाना है. इस संबंध में 4 जुलाई 16 को जारी अधिसूचना द्वारा राज्य के पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां समेत 13 जिले में जिला स्तरीय पदों की रिक्तियों की पात्रता के लिए जिला का स्थानीय निवासी होना आवश्यक किया गया है. पत्र के अनुसार जो खतियानी रैयत या उसके संतान है, उन्हें स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र खतियान के आधार पर निर्गत किया जाना है, किंतु भूमिहीन के मामले में संबंधित ग्राम सभा के पहचान के आधार पर स्थानीय प्रमाण पत्र निर्गत हो सकता है. लेकिन साथ ही पत्र में कहा गया है कि संकल्प की कंडिका 2 (ii) के अंतर्गत आने व्यक्ति या उसके संतान के 30 वर्षों या अधिक का निवास के साथ-साथ अचल संपत्ति अर्जित करने का प्रमाण स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र के लिए आवश्यक है. उक्त संकल्प की अन्य शर्तों में खतियान का प्रस्तुतिकरण अपेक्षित नहीं है.

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