जांच में यह भी देखा गया कि आवंटित दुकानों के अलावा अवैध रूप से कितने दुकान व स्ट्रक्चर यहां बना लिये गये है. सर्वे में पदाधिकारी यह पता लगाना चाह रहे है कि आवंटित दुकानों को हटाने के बाद कितनी जगह मिलेगी. पदाधिकारियों ने दुकान व मकान मालिकों से आवंटन के कागजात भी मांगा लेकिन कई दुकानदार कागजात नहीं दिखा पाये.
सर्वे में रेलवे कंस्ट्रक्शन विभाग के डीइएन जे मंडल, सीनियर सेक्शन इंजीनियर, टाटा रेलवे लैंड के आइओडब्ल्यू जी गिरिधर कुमार शामिल थे. वैध-अवैध ढांचे हटाये जायेंगे. जुगसलाई ओवर ब्रिज का निर्माण यू टर्न डिजाइन का होगा. इसके लिए रेलवे फाटक के दोनों ओर से जमीन ली जायेगी. जुगसलाई की ओर ओवरब्रिज से दो रास्ते नीचे आयेंगे. इसके लिए आवश्यक जमीन की जरूरत है. सर्वे से अवैध के साथ वैध दुकानदारों में भी संशय बना हुआ है.