आदित्यपुर: सरकारी प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के शिक्षकों को अब अपने स्कूल के बच्चों का 27 सूत्री विवरण तैयार कर रखना होगा. शिक्षा विभाग से उक्त विवरण की सूची प्रत्येक स्कूलों में भेजी गयी है. इसके अनुसार बच्चों का डाटा तैयार करना है. इस आदेश के बाद पहले से पढ़ाई के अलावा बच्चों के अन्य कामों में लगे शिक्षक परेशान हो गये हैं.
नये आदेश के तहत स्कूल में नामांकित बच्चों की जन्म तिथि, लिंग, सामाजिक वर्ग, धर्म, मातृभाषा, उनके निवास के टोला या मोहल्ले का नाम, नामांकन की तिथि के साथ यह जानकारी लेनी है कि बच्चे बीपीएल वर्ग व अभिवंचित वर्ग के हैं या नहीं, बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत निजी असहायता प्राप्त स्कूल में बच्चा नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहा है, पहले किस कक्षा में पढ़ाई की व वर्तमान में किस कक्षा में पढ़ाई कर रहा है, स्कूल में कुल कितने दिन उपस्थित रहा, पढ़ाई का माध्यम क्या है, विकलांगता का प्रकार क्या है, आवश्यकता वाले बच्चों को क्या सुविधा मिली है, क्या बच्चा बेघर है, बच्चों का बैंक खाता का विवरण तथा विद्यार्थी या उसके अभिभावक का मोबाइल नंबर व ईमेल आइडी आदि की जानकारी लेनी है.
आधार व बैंक खाता का भी है काम
स्कूल के शिक्षकों को बच्चों का आधार कार्ड बनवाना है. साथ ही उनका बैंक में खाता खुलवाकर उसे आधार से लिंक भी करवाना है. अबतक यह काम करीब 80 प्रतिशत ही हुआ है. आधार कार्ड बनवाने के लिए प्रखंड मुख्यालय में व्यवस्था की गयी है, जबकि प्रत्येक स्कूल में शिविर लगाकर आधार कार्ड बनवाने की मांग की जा रही है, क्योंकि बच्चों के गरीब अभिभावक अपना काम छोड़ कर आधार कार्ड बनवाने प्रखंड मुख्यालय जाने से हिचकते हैं. दूसरी ओर शिक्षकों को मध्याह्न भोजन से अलग कर दिया गया है, लेकिन शिक्षकों का कहना है कि उन्हें प्रत्येक माह मध्याह्न भोजन की रिपोर्टिंग करनी पड़ती है. साथ ही मध्याह्न भोजन की जिम्मेवारी से वे किसी न किसी रूप से अभी भी जुड़े हुए हैं.