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नहीं सुलझा प्रशिक्षुओं के स्थायीकरण का मामला

जमशेदपुर: टाटा कमिंस के प्रशिक्षुओं के स्थायीकरण का मामला सुलझ नहीं सका. श्रम मंत्री चंद्रशेखर दुबे से टाटा कमिंस के कुमार कौशलेंद्र ने बात कर कंपनी का पक्ष रखते हुए कहा कि प्रशिक्षुओं को पैकेज दिया गया है, उसमें कई विकल्प भी हैं. प्रबंधन से बात करने के पश्चात श्रम मंत्री ने प्रशिक्षुओं को बुलाया […]

जमशेदपुर: टाटा कमिंस के प्रशिक्षुओं के स्थायीकरण का मामला सुलझ नहीं सका. श्रम मंत्री चंद्रशेखर दुबे से टाटा कमिंस के कुमार कौशलेंद्र ने बात कर कंपनी का पक्ष रखते हुए कहा कि प्रशिक्षुओं को पैकेज दिया गया है, उसमें कई विकल्प भी हैं.

प्रबंधन से बात करने के पश्चात श्रम मंत्री ने प्रशिक्षुओं को बुलाया तथा प्रबंधन के द्वारा दिये गये विकल्प के संबंध में पूछा जिसे सभी ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया. प्रशिक्षुओं ने कहा कि एक साथ ही स्थायीकरण हो. प्रबंधन के पदाधिकारियों ने इस पर असमर्थता जाहिर करते हुए उच्च प्रबंधन से बात करने की बात कही. श्रम मंत्री ने प्रशिक्षुओं से कहा कि प्रबंधन को उच्च पदाधिकारियों से बात करने के लिए 10-15 दिनों का समय दिया जा रहा है.

इस बीच वे दिल्ली जा रहे हैं तथा किसी प्रकार का दबाव यदि उन लोगों पर पड़े तो वे फोन पर संपर्क कर सकते हैं. प्रशिक्षुओं का कहना है कि श्रम मंत्री ने दो माह के बाद स्थायी करवाने की घोषणा की थी और वे लोग उनकी बातों का सम्मान कर धरना समाप्त किये थे इसलिए एक साथ ही सभी का स्थायीकरण हो. प्रबंधन का कहना है कि एक साथ सबका स्थायीकरण संभव नहीं है ऐसे में जमशेदपुर इकाई में लागत काफी बढ़ जायेगा जिससे अंतत: इसे बंद करना होगा.

प्रशिक्षुओं की मांग

एक साथ ही सभी प्रशिक्षुओं का जमशेदपुर में स्थायीकरण हो

अस्थायी कर्मचारियों को टाटा मोटर्स के जैसा पैसा मिले

प्रबंधन का प्रस्ताव

दूसरी इकाई में स्थायीकरण के लिए हैं तैयार

जमशेदपुर इकाई में सभी को पहले अस्थायी रोल में लिया जायेगा

प्रति वर्ष 10 अस्थायी कर्मचारियों का होगा स्थायीकरण

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