जमशेदपुर: 40 साल पुरानी परसुडीह हाट की करीब 180 दुकानें मरम्मत के अभाव में जर्जर हो चुकी हैं. स्ववित्त पोषित योजना के तहत इनका निर्माण किया गया था तथा वर्तमान में इसकी देखरेख परसुडीह बाजार समिति के जिम्मे है. ए, बी व सी (तीन) ब्लॉक में बनीं दुकानों में से फिलहाल 90 दुकानें ही चालू अवस्था में हैं. बाकी 90 (ऊपर तल्ला) आवंटन के बाद भी बंद हैं. इनके शटर तक जंग खा चुके हैं. दुकानों की जर्जरावस्था का हाल यह है कि छत के प्लास्टर व छज्जे गिर रहे हैं और सरिया बाहर आ गया है.
कारोबारियों के मुताबिक कई बार छज्जे से प्लास्टर गिरने से लोगों को हल्की चोटें भी लग चुकी हैं. दुकान की मामूली मरम्मत तो वे खुद करा लेते हैं पर ज्यादा काम के लिए बाजार समिति को सूचित करते हैं. लेकिन कोई पहल नहीं की जाती. ए, बी व सी तीन ब्लॉक में बने हाट की बिल्डिंग के तीनों ब्लॉक एक-दूसरे से कनेक्ट नहीं हैं. इसे कनेक्ट करने की पहल अब तक अधूरी ही है.
जर्जर दुकानों में हादसे की आशंका
हाट की कई दुकानों से प्लास्टर के टुकड़े गिरते रहते हैं. प्रथम तल्ले पर छज्जा व रेलिंग जर्जर हो चुके हैं. अगर इसे जल्द ठीक नहीं किया गया तो किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है इसकी शिकायत करने के बावजूद बाजार समिति का रवैया उदासीन है.
धीरज यादव, कारोबारी
बिल्डिंग बनाने का प्रस्ताव बोर्ड के पास
बाजार समिति दुकानों की स्थिति से अवगत है. निरीक्षण के क्रम में जिन भवनों की हालत खराब पायी जाती है, उसकी मरम्मत करवाई जाती है. जो दुकानदार दुकान नहीं खोल रहे, उसका आवंटन कैंसिल कर जरूरतमंद को दिया जायेगा. इस वित्तीय वर्ष में बिल्डिंग बनाने का प्रस्ताव पुन: बोर्ड को भेजा जायेगा.
राहुल कुमार, पणन सचिव,