शिक्षक-शिक्षिकाअों का सिर्फ स्कूल आना ही उनकी उपस्थिति नहीं मानी जायेगी, बल्कि उन्हें तय चैप्टर पढ़ाने होंगे. उन्हें स्कूल में शारीरिक रूप से उपस्थित रहने के साथ ही बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देना ही लक्ष्य तय किया गया है. तीन लेयर में सभी को बांटा गया है.
पत्र के अनुसार अगर गुणवत्ता पूर्व शिक्षा में कमी आती है, तो विद्यालय स्तर पर उस विद्यालय के प्रधान शिक्षक के साथ ही विद्यालय के सभी शिक्षक दोषी होंगे. इसके साथ ही संकुल या फिर प्रखंड स्तर पर संबंधित संकुल साधन सेवी, प्रखंड साधन सेवी, विषय विशेषज्ञ या फिर रिसोर्स टीचर जिम्मेवार होंगे, जबकि जिला स्तर पर इसके लिए अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रभारी अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को जिम्मेवार माना जायेगा. यह जानकारी जिला शिक्षा अधीक्षक इंद्र भूषण सिंह ने दी.