जमशेदपुर: राज्य में तबादले का खेल रहा है. इस खेल से शिक्षा विभाग भी दो-चार हुआ. पिछले दिनों मानव संसाधन विकास विभाग ने शिक्षा सेवा संवर्ग के 39 पदाधिकारियों का तबादला किया.
विभाग के कुछ पदाधिकारी तबादले के खिलाफ हाइ कोर्ट चले गये हैं. कुछ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर एक बार फिर तबादले पर गौर करने की अपील की है. इस बार जिस तरह से तबादला किया गया था, उसे शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों ने पूरी तरह से अन प्रैक्टिकल करार दिया. बताया गया कि क्लास वन ऑफिसर को क्लास टू ऑफिसर के पद पर नियुक्ति किया गया है. इसके साथ ही सीनियर पदाधिकारी को जूनियर के अंडर रखा गया है. इसे लेकर पूरे राज्य के विभागीय कर्मचारियों में आक्रोश है.
झब्बू पंडित व फरहाना गये हाइकोर्ट
गिरिडीह के पूर्व डीएसइ झब्बू पंडित का तबादला गुमला के प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्रिंसिपल के पद पर कर दिया गया है. इसे लेकर उन्होंने प्रभात खबर को बताया कि उनके साथ न्याय नहीं हुआ है. उनकी वरीयता को भी ध्यान नहीं रखा है, इसी वजह से उन्होंने सोमवार को रांची हाइकोर्ट में मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा किये गये तबादले के खिलाफ याचिका दायर की है. वहीं लोहरदग्गा की पूर्व डीएसई फरहाना खातून का तबादला प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय पिंड्राजोरा कर दिया गया है. उन्होंने भी इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है. हालांकि फरहाना खातून से बात करने की कोशिश की गयी, लेकिन संपर्क नहीं हो सका.
देवीसल हांसदा ने सीएम से की है अपील
दुमका के पूर्व डीइओ देवीसल हांसदा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा है. जिसमें कहा है कि उनका तबादला रांची के राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में बतौर व्याख्याता के रूप में कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि उनके बेटे की मैट्रिक परीक्षा 3 मार्च से शुरू हो रही है. इसके साथ ही उनके पिता की आयु 85 साल है और उनका इलाज भी चल रहा है. जबकि नियमानुसार एक जगह पर न्यूनतम 3 साल तक किसी पदाधिकारी को रहना है, जब तक उनके कार्यकाल में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं होती है. श्री हांसदा ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान जिले का रिजल्ट बेहतर होने के साथ-साथ पढ़ाई की गुणवत्ता भी बढ़ी है. इस लिए एक बार फिर तबादले पर गौर किया जाये.