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नये साल की शुरुआत, सेवा के साथ

नये साल की शुरुआत, सेवा के साथ समाज का हर तबका नये साल को अपने-अपने तरीके से सेलिब्रेट करता है. कोई रेस्टोरेंट में जाकर, तो कोई पिकनिक मनाकर. वहीं, इसी समाज में कई लोग ऐसे भी हैं, जो असहाय लोगों की सेवा और संकल्प के साथ नये साल की शुरुआत करते है. कुछ ऐसे ही […]

नये साल की शुरुआत, सेवा के साथ समाज का हर तबका नये साल को अपने-अपने तरीके से सेलिब्रेट करता है. कोई रेस्टोरेंट में जाकर, तो कोई पिकनिक मनाकर. वहीं, इसी समाज में कई लोग ऐसे भी हैं, जो असहाय लोगों की सेवा और संकल्प के साथ नये साल की शुरुआत करते है. कुछ ऐसे ही लोगों पर पढ़िए लाइफ @ जमशेदपुर की यह रिपोर्ट… —————नाम : बी सेन व आर के प्रसाद स्थान : चेशायर होम, परसुडीह किसी के चेहरे पर मुस्कान लाना बड़ी बात है… कदमा निवासी बी सेन व गोलमुरी निवासी आरके प्रसाद आठ वर्षों से भी ज्यादा समय से नये साल के मौके पर चेशायर होम आ रहे हैं. वे यहां बुजुर्गों व स्पेशल बच्चों के बीच खुशियां बांटते हैं. दोनों लोगों ने शुक्रवार को भी यहां फ्रूट्स, केक, चॉकलेट, बिस्किट्स व स्नैक्स आदि बांटे. बी सेन बताते हैं कि दिल में यह एहसास जगा और हम लोग यहां आने लगे. दिवाली व नये साल के मौके पर हम लोग यहां जरूर आते हैं. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि जो भी व्यक्ति सक्षम हैं, उसे ऐसा जरूर करना चाहिए. इन लोगों के चेहरे पर खुशी देखकर दिल खुश हो जाता है. ————————-पहले बजुर्गों को खिलायी, तब खुद खायी नाम : राधिका मोदी अपनी मां निभा मोदी के साथस्थान : ओल्ड एज होम, बाराद्वारी साकची में रहने वाली 10 वर्षीय राधिका की सोच बड़ी है. साल के पहले दिन की सुबह वह पेरेन्ट्स से जिद पर अड़ गयी कि जब तक मैं ओल्ड एज होम में जाकर लोगों को स्नैक्स व बिस्किट्स न दे दूं, तब तक मैं नाश्ता तक नहीं करूंगी. इसके बाद राधिका अपनी मम्मी के साथ ओल्ड एज होम आयी. घर से लाये सामान को यहां पर लोगों में बांटकर नये साल की खुशियां मनायीं. राधिका ने बताया कि उसे यहां आना और चीजें देना काफी अच्छा लगता है. लोगों की मदद करना मैंने अपनी मम्मी से ही सीखा है. ————-मदद से मिलता है सुकून, बच्चों में भरें संस्कार नाम : पूजा सिंह व उनकी बेटी वारही सिंह स्थान : ओल्ड एज होम, बाराद्वारी पूजा सिंह अपनी बेटी वारही के साथ आदित्यपुर से ओल्ड एज होम में लोगों के साथ नया साल मनाने के लिए पहुंचीं. उन्होंने यहां स्नैक्स व अन्य खाने की चीजें बांटीं. पूजा सिंह ने बताया कि यहां आकर व लोगों को सामान भेंटकर काफी अच्छा लगता है. सुकून व शांति का एहसास होता है. मैं दूसरों को यह शिक्षा नहीं दे सकती, लेकिन अपने बच्चों को यह सीख जरूर देती हूं, ताकि वह भी हमेशा मदद करें. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि रेस्टोरेंट में एक वक्त का खाना खाने में दो हजार रुपये आसानी से खर्च हो जायेंगे. यदि, उतने रुपये की ही खाद्य सामग्री हम किसी जरूरतमंद को भेंट करेंगे, तो वे कई दिनों तक उसका इस्तेमाल कर सकेंगे. मैं पिछले चार वर्षों से यहां आ रही हूं.————————————–ओल्ड एज होम में दिखा खुशियों का रंग ओल्ड एज होम में रहने वाले लोगों ने नया साल अपने तरीके से मनाया. सभी के चेहरों पर खुशियों की झलक देखने को मिली. इस दौरान संगीत का प्रोग्राम भी रखा गया था. इसमें पुरुलिया के यीशु भवन के युवक भी शरीक हुए. पहले सभी लोगों ने एक साथ प्रभु की प्रार्थना की, बाद में संगीत की धुन पर झूम कर नये साल की खुशियां मनायी. इसके बाद साथ में लंच भी किया.कोट——— नये साल के पहले दिन कई लोग अपने परिवार के साथ यहां आये. उन्होंने यहां के लोगों के साथ खुशियां बांटी. यहां रहने वालों लोगों के लिए यह सुखद अनुभव था. यह जरूरी है कि जिनका कोई नहीं, उनके साथ खुशियां बांटी जायें. -सिस्टर रजनी मारिया, ओल्ड एज होम, बाराद्वारी

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