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जेइपीसी.काम नहीं करते, तो वेतन क्यों लेते हैं

जमशेदपुर: झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से साकची स्थित दयानंद पब्लिक स्कूल के सभागार में बुधवार को कोल्हान प्रमंडलीय योजना एवं बजट निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें राज्य परियोजना निदेशक (एसपीडी) हंसराज सिंह ने योजना व बजट तैयार करने के क्रम मे ध्यान रखे जानेवाले पहलुओं की जानकारी दी. साथ ही तीनों […]

जमशेदपुर: झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से साकची स्थित दयानंद पब्लिक स्कूल के सभागार में बुधवार को कोल्हान प्रमंडलीय योजना एवं बजट निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें राज्य परियोजना निदेशक (एसपीडी) हंसराज सिंह ने योजना व बजट तैयार करने के क्रम मे ध्यान रखे जानेवाले पहलुओं की जानकारी दी.

साथ ही तीनों जिला व विभिन्न प्रखंडों से आये पदाधिकारियों से अब तक विभिन्न योजना मद की राशि के व्यय, कार्यों की प्रगति आदि की जानकारी ली. कार्यों की प्रगति से असंतुष्ट श्री सिंह ने कहा कि पैसे हैं, लेकिन व्यय नहीं किये जा रहे. जो व्यय हुए हैं, उसका उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है और जो अग्रिम दिया गया है, उसकी रिकवरी नहीं हो रही है. इस पर असंतोष जताते हुए श्री सिंह ने कहा कि जब काम नहीं करते, तो सरकार से वेतन क्यों लेते हैं? उन्होंने कहा कि इस बात का ख्याल रखना होगा कि यदि बजट की राशि शत-प्रतिशत खर्च नहीं होती है, तो अगला बजट प्रभावित होगा. बजट के तीन प्रतिशत मैनेजमेंट कॉस्ट से ही परियोजना के पदाधिकारियों व कर्मचारियों का वेतन होता है. यदि बजट प्रभावित हुआ, तो वेतन पर संकट उत्पन्न हो जायेगा.

उन्होंने कहा कि बजट का पैसा आम जनता की जेब से आता है. अत: हमे यह भी ख्याल रखना चाहिए कि इस पैसे के दुरुपयोग से जनता की जेब प्रभावित होती है. इससे पूर्व परियोजना के विशेषज्ञ शोध, अनुश्रवण व मूल्यांकन तथा असैनिक कार्य प्रबंधक रतन भूषण श्रीवास्तव ने भी तीनों जिलों से प्राप्त प्रगति कार्य आदि के आंकड़ें पर समीक्षा करते हुए बजट संबंधी जानकारी दी.
कार्यशाला में जिला शिक्षा पदाधिकारी मुकेश कुमार सिन्हा, जिला शिक्षा अधीक्षक इंद्र भूषण सिंह समेत तीनों जिला के एडीपीओ, एपीओ, एकाउंट्स ऑफिसर, विभिन्न प्रखंडों के बीइइओ, बीपीओ, बीआरपी व सीआरपी उपस्थित थे.
मुख्य बातें
पश्चिमी सिंहभूम व सरायकेला-खरसावां जिला के जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यशाला में उपस्थित नहीं थे, राज्य परियोजना निदेशक ने जतायी नाराजगी.
जिलों से भेजे जा रहे यू डायस के आंकड़े सहीं नहीं
सरायकेला-खरसावां जिला में 73 स्कूलों के प्रस्ताव पर आवंटन दिया गया, भौतिक सत्यापन के क्रम में 9 स्कूल गायब मिले
10 वर्ष पुराने आंकड़े के आधार पर दे दिये जाते हैं नये प्रस्ताव
जो स्कूल बंद हो रहे हैं, नये के स्थान पर उन्हें स्थानांतरित किया जाये
पारा शिक्षकों के मानदेय भुगतान में पूर्वी सिंहभूम में अब तक 60 प्रतिशत व पश्चिमी सिंहभूम में 55 प्रतिशत राशि व्यय, जबकि वित्तीय वर्ष समाप्त होने से तीन-चार महीने पूर्व ही सरायकेला-खरसावां में 95 प्रतिशत राशि व्यय हो चुकी है
नीमडीह व खरसावां प्रखंड में बच्चों को विशेष प्रशिक्षण मद में राशि ली गयी, लेकिन खर्च नहीं की गयी
गम्हरिया प्रखंड में बच्चों का अन्यत्र पलायन रोकने के लिए सीजनल हॉस्टल की मांग की गयी, लेकिन संचालन नहीं हुआ

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