24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

खिचड़ी मिलना बंद, केंद्रों में नहीं आ रहे बच्चे (फोटो नंबर हेडिंग के साथ है)

खिचड़ी मिलना बंद, केंद्रों में नहीं आ रहे बच्चे (फोटो नंबर हेडिंग के साथ है) -महंगी दाल ने बच्चों को दूर किया आंगनबाड़ी केंद्रों से, हड़ताल से भी पूरी नहीं हुई मांग (फ्लैग)- सुबह आठ से एक बजे तक चलता है केंद्र – सितंबर से नहीं मिल रही बच्चों को खिचड़ी -चाकलेट देने के बाद […]

खिचड़ी मिलना बंद, केंद्रों में नहीं आ रहे बच्चे (फोटो नंबर हेडिंग के साथ है) -महंगी दाल ने बच्चों को दूर किया आंगनबाड़ी केंद्रों से, हड़ताल से भी पूरी नहीं हुई मांग (फ्लैग)- सुबह आठ से एक बजे तक चलता है केंद्र – सितंबर से नहीं मिल रही बच्चों को खिचड़ी -चाकलेट देने के बाद भी केंद्र पर नहीं टिक रहे बच्चेसंवाददाता, जमशेदपुर महंगी दाल की वजह से आंगनबाड़ी केंद्रों में अब खिचड़ी नहीं बन रही है. इसके चलते बच्चों का आना कम हो गया है. खिचड़ी के बदले कहीं चॉकलेट तो कही सत्तू देकर आंगनबाड़ी सेविकाएं बच्चों को केंद्र तक लाने का प्रयास कर रही हैं. लेकिन, कई केंद्रों पर वह भी नहीं मिल रहा है़ जिसके कारण यहां बच्चे नहीं आ रहे है़ कहीं- कहीं एक -दो बच्चे नजर आ रहे हैं तो कहीं केंद्र पूरी तरह से खाली है. केंद्र की सेविकाओं ने बताया कि 60 रुपये प्रति किलो के हिसाब से दाल का पैसा मिलता है जो काफी कम है. इस वजह से हम लोगों ने उठाव बंद कर दिया है़ दो माह पहले रेट को लेकर सेविकाओं ने हड़ताल की थी, लेकिन इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई़ क्या कब देना हैसप्ताह के तीन दिन- दलियातीन दिन- सत्तूप्रतिदिन- खिचड़ीक्या दिया जा रहा है कहीं चॉकलेट, कहीं सत्तू , कहीं कुछ भी नहीं प्रभात पड़तालगाड़ीवान पट्टी : केंद्र में नहीं था कोई बच्चा (उमा-12)सेविका- चंद्रकला देवीसहायिका- रूबी प्रवीण प्रभात खबर की टीम ने मंगलवार को विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों का दौरा कर केंद्र में बच्चों की स्थिति और उन्हें मिलने वाले आहार की जानकारी ली. कीताडीह गाड़ीवान पट्टी बड़ा तालाब के पास स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में कोई भी बच्चा नहीं था़ केंद्र की सहायिका रूबी प्रवीण ने बताया कि पहले खिचड़ी मिलती थी तो बच्चे आते थे़ खिचड़ी नहीं बन रही है, जिससे चावल का उठाव भी नहीं किया जा रहा है़ जो बच्चे अाते हैं उनको सत्तू दिया जाता है़ कीताडीह नायडू कॉलोनी : केंद्र में थे सिर्फ सात बच्चे (उमा-10)सेविका- दुर्गा मिश्रासहायिका- सरिता गुड़ियाकीताडीह जीएलचर्च के नायडू कॉलोनी स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में छह- सात बच्चे खेल रहे थे़ कुछ पढ़ रहे थे़ कमरे में अंधेरा था़ सहायिका ने बताया कि दो माह से खिचड़ी मिलना बंद जिससे बच्चे नहीं आ रहे है़ केंद्र में चावल रखा हुआ है लेकिन दाल नहीं है़ इसलिए फिलहाल बच्चों को कुछ भी नहीं दिया जा रहा है़ कीताडीह, ग्वाला पट्टी : दो माह से नहीं मिल रही खिचड़ी (उमा-9)सेविका- लक्ष्मी सिन्हा कीताडीह ग्वाला पट्टी के पास चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र में दो माह से खिचड़ी नहीं दी जा रही है. सेविका लक्ष्मी सिन्हा ने बताया कि अपने स्तर से वह बच्चों को चॉकलेट खरीदकर देती हैं. लेकिन इससे बच्चे नहीं टिक रहे हैं. मंगलवार को केंद्र पर एक भी बच्चा नहीं पहुंचा था. केंद्र में तीन साल से कोई सहायिका भी नहीं है. कीताडीह : चॉकलेट की वजह से आते हैं बच्चे (उमा-8)सेविका- राज कुमारीसहायिका- प्रेमलताकीताडीह ग्वाला पट्टी में ही स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में मंगलवार को 16 बच्चे उपस्थित थे़ सेविका राजकुमारी ने बताया कि दाल महंगी होने के कारण खिचड़ी नहीं बन रही है. खिचड़ी बंद होने के बाद बच्चों को केंद्र तक लाने के लिए चॉकलेट दिया जा रहा है. इसके बाद कुछ बच्चे आ रहे हैं.बागबेड़ा : कभी-कभी दिया जाता है हलवा (उमा-7)सेविका- राधिका देवीसहायिका- ललिता देवी सीपीटोला बागबेड़ा स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में मंगलवार को एक भी बच्चा नजर नहीं आया. जानकारी लेने पर बताया गया कि खिचड़ी बंद होने का असर बच्चों पर पड़ा है़ जो बच्चे केंद्र में आ रहे हैं, वे भी ज्यादा देर तक नहीं टिकते. सेविका राधिका देवी ने बताया कि बच्चों को रोकने के लिए अपने स्तर पर समय-समय पर हलवा बना कर देती हैं. बावजूद इसके बच्चे नियमित नहीं आ रहे हैं. सोपोडेरा : घट रही है बच्चों की संख्या (उमा-21)सेविका- स्नेह लता श्रीवास्तवसोपोडेरा आंगन बाड़ीकेंद्र में 32 बच्चे है़ं वर्तमान में 15 -16 ही केंद्र में आ रहे है़ मंगलवार की सुबह केंद्र पर प्रभात खबर की टीम पहुंची तो कुछ बच्चे पढ़ाई कर रहे थे़ बच्चो की संख्या के बारे में बताया गया कि बच्चे आते हैं लेकिन टिकते नहीं हैं. लगभग दो माह से खिचड़ी सहित अन्य सामान नहीं मिल रहे है़ं कई बच्चे खिचड़ी की वजह से पहुंचते थे, अब वे नहीं आते.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें