कलाम के दो महत्वपूर्ण भाषणों के अंशआज छात्रों के काका कलाम की जयंती है. डॉ अब्दुल कलाम का जीवन प्रेरणादायी है. उन्होंने अपने जीवन की हर भूमिका को पूरी ईमानदारी से निभाया. वह बच्चों और युवाओं में भारत का भविष्य देखते थे. उन्हें कभी भी अपनों से कोई अपेक्षा नहीं रही, लेकिन वह भारत के छात्रों और युवाओं से हमेशा आशान्वित रहे. उन्होंने भारत के भविष्य को गढ़ने के लिए युवाओं को माध्यम बनाया. उन्हें प्रेरित किया और देश तथा समाज के लिए कुछ करने के लिए प्रोत्साहित भी किया. डॉ कलाम के हर भाषण के केंद्र में युवा और भारत का भविष्य होता था. पढ़िये ऐसे ही दो भाषणों के प्रमुख अंश:———–बच्चों को कैरियर चुनने की आजादी दें आजादी का नाम लेते ही महात्मा गांधी का नाम याद आता है़ संविधान की बात निकलते ही बाबा साहब डॉ आंबेडकर का नाम याद आता है़ इसी तरह युवओं को अपनी विशेष पहचान बनानी चाहिए. बच्चों के कैरियर चुनने में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. उन्हें कैरियर चुनने की आजादी मिलनी चाहिए. केरल के एक कार्यक्रम के दौरान यह देखने को मिला कि एक छात्रा साइकोलॉजी विषय लेना चाहती थी और उसके माता-पिता इसमें कैरियर नहीं होने की बात कहते थे़ छात्रा के माता-पिता को समझाया गया और वे मान भी गए़ शहर व गांव की शिक्षा में अंतर दिखाई देता है़ हमारी शिक्षा आज भी छात्रों में आत्मविश्वास नहीं जगा सकी है. गांव का छात्र पढ़ाई तो करता है, लेकिन सवाल करने की हिम्मत उसमें नहीं है़ आप कल के अच्छे नागरिक हैं और आप में आत्मविश्वास जगाने की जरूरत है़ यह मान लें कि कोशिश करने वालों की हार नहीं होती और कठिनाई का पथ ही सफलता की सीढ़ी है (कविता के माध्यम से). शिक्षा-तकनीकी व विज्ञान का विकास होना चाहिये. गरीबी को दूर करने के साथ ही काम में पारदर्शिता बरतनी चाहिये तथा भ्रष्टाचारमुक्त समाज के निर्माण में हर किसी का योगदान होना चाहिए. ज्ञान-विज्ञान व टेक्नोलॉजी के विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण पर भी बल दिये जाने की जरूरत है. छात्रों को घर, स्कूल व कॉलेज परिसर में पौधरोपण करना चाहिए. क्लिन होम, क्लिन सिटी, क्लिन सोसायटी व क्लिन नेशन के जरिये हम विश्व पटल पर भारत की अलग पहचान बना सकते हैं. यू कैन बीकम अ लीडर, एंज्वाय सक्सेस ऑफ अदर्स एंड ग्लोरी टू मास नेशन. (31 जुलाई 2014, नागपुर के डॉ अंबेडकर कॉलेज का गोल्डन जुबिली समारोह)—————चार बातें हैं सफलता की गारंटी प्रिय दोस्तों, नमस्कार. सबसे पहले कार्यक्रम में देर से आने के लिए क्षमा चाहूंगा. दरअसल, मैं भारी भीड़ के बीच फंस गया और यहां आने में देर हो गयी. मैं आपको बता दूं कि आइआइटी,मद्रास में मेरे दिल के काफी करीब है. यहां के पूर्व डायरेक्टर प्रो केएवी पंडाले मेरे गुरु हैं. उन्होंने मुझे एयरक्राफ्ट की डीजाइनिंग सिखायी. वह सुबह 7.30-10.30 बजे तक क्लास लिया करते थे. हर दूसरे दिन. लगातार तीन घंटे. क्या आप इसकी कल्पना कर सकते हैं? क्या आपने कभी लगातार तीन घंटे की क्लास की है? मैं पिछले दशक में देश के करोड़ों छात्रों से मिल चुका हूं. उनके अनुभव से रूबरू हुआ, उनकी आशाओं से परिचित हुआ और उनकी हताशा को जाना. उनसे सीखा. क्या मैं आपसे कुछ सीख सकता हूं? मैंने युवाओं से यह सीखा कि हर युवा यूनिक होना चाहता है. आप भी यूनिक होना चाहते हैं. लेकिन, यह समाज हर समय आपके साथ होता है, जहां सब यूनिक होना चाहते हैं. इसिलए, आप सिर्फ चाहत न करें, बल्कि बनने की कोशिश करें. यूनिक बनने के लिए आपको एक बड़ी लड़ाई लड़नी होगी. लड़ाई से मेरा मतलब युद्ध नहीं है. यह लड़ाई हर व्यक्ति को लड़नी होती है और तब तक लड़नी होती है, जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाये. यूनिक बनने के लिए आपको यूनिक सोच रखनी होगी. इसके लिए चार बातों को आत्मसात करना होगा. पहली, आप अपना लक्ष्य तय करें. दूसरी, निर्बाध रूप से ज्ञान प्राप्ति में जुटे रहें. तीसरी, लक्ष्य की प्राप्ति के लिए समर्पण के साथ कठिन मेहनत करें तथा चौथी दृढ़ निश्चयी बनें. इन चार बातों को अगर आपने जीवन में आत्मसात कर लिया, तो यकीन मानिये कि आप लक्ष्य तक जरूर पहुंचेंगे. (आइआइटी, मद्रास में विवेकानंद स्टडी सर्किल का आयोजन)
BREAKING NEWS
Advertisement
कलाम के दो महत्वपूर्ण भाषणों के अंश
कलाम के दो महत्वपूर्ण भाषणों के अंशआज छात्रों के काका कलाम की जयंती है. डॉ अब्दुल कलाम का जीवन प्रेरणादायी है. उन्होंने अपने जीवन की हर भूमिका को पूरी ईमानदारी से निभाया. वह बच्चों और युवाओं में भारत का भविष्य देखते थे. उन्हें कभी भी अपनों से कोई अपेक्षा नहीं रही, लेकिन वह भारत के […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement