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जमशेदपुर में नया एयरपोर्ट ठंडे बस्ते में

जमशेदपुर: जिले में खुलने वाले नये एयरपोर्ट की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रलय की ओर से इसकी जरूरत को लेकर फिर से आकलन करेगा कि यहां जरूरत है या नहीं और इसके खुल जाने से कहीं रांची का बिरसा मुंडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा कहीं खत्म होने की […]

जमशेदपुर: जिले में खुलने वाले नये एयरपोर्ट की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रलय की ओर से इसकी जरूरत को लेकर फिर से आकलन करेगा कि यहां जरूरत है या नहीं और इसके खुल जाने से कहीं रांची का बिरसा मुंडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा कहीं खत्म होने की स्थिति में तो नहीं आ जायेगी.

इसकी फिसिबिलिटी की जांच करने के लिए बहुत जल्द केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय की एक टीम जमशेदपुर का दौरा करने जा रही है. इसके तहत वे लोग गम्हरिया में प्रस्तावित नये एयरपोर्ट या फिर बहरागोड़ा के पुराने रनवे को एयरपोर्ट बनाये जाने के प्रस्तावों के देखेगी और कितनी उड़ानों की जरूरत है और इसका बाजार कितना है, इसका भी नये सिरे से आकलन करेगी. इससे पहले सैद्धांतिक तौर पर केंद्र सरकार ने इस नये एयरपोर्ट को मंजूरी दे दी थी.

इसको लेकर कई बार सांसद विद्युत वरण महतो द्वारा संसद से लेकर नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू से मुलाकात किये जाने के बाद यह नयी पहल शुरू की गयी है. टाटा स्टील के साथ मिलकर करीब 400 करोड़ रुपये की लागत से यहां एयरपोर्ट का निर्माण होने जा रहा था, लेकिन चूंकि, जमीन अधिग्रहण को लेकर काफी पेंच उत्पन्न हो चुका है और काफी दिक्कतें है, इस कारण टाटा स्टील भी इससे अपने हाथ पीछे खींचता नजर आ रहा है. यहीं वजह है कि इसकी जरूरत का नये सिरे से आकलन किया जा रहा है. दरअसल, टाटा से रांची के बीच प्रस्तावित फोरलेन के आ जाने के बाद दो से तीन घंटा में जमशेदपुर और आसपास के लोग रांची जाकर हवाई जहाज पकड़ सकते है और चूंकि, जमशेदपुर के लोग सबसे ज्यादा हवाई जहाज का इस्तेमाल करते है, इस कारण इसकी भी संभावना है कि रांची एयरपोर्ट की उपयोगिता पर ही सवाल उठने लगे. इस कारण जमशेदपुर की जरूरत और रांची की व्यवहारिकता पर भी जांच टीम करेगी. तत्कालीन मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार ने देश भर के छोटे शहरों में 50 सस्ते हवाई अड्डे विकिसत करने की योजना बनाई थी.

50 में से चार हवाई अड्डा बनाने के लिए केंद्र सरकार ने अपनी मंजूरी दे दी है, जिसमें कर्नाटक, राजस्थान, अरु णाचल प्रदेश और ओड़िशा में शामिल है. नरेंद्र मोदी की एनडीए की सरकार ने इन नए हवाईअड्डों पर काम शुरू करने के लिए नया दायरा तय किया है, जिसमें चयनित शहर की न्यूनतम आबादी 10 लाख होना शामिल है. गैर मेट्रो शहरों में ऐसे हवाईअड्डों को स्थापित करने के नए प्रस्तावों पर विचार करने के पहले इनकी वित्तीय व्यवहार्यता पर विचार किया जाएगा.

नये एयरपोर्ट के लिए केंद्र से बातचीत होगी : सांसद
नये एयरपोर्ट के लिए केंद्र सरकार से बातचीत की जायेगी. इस एयरपोर्ट के लिए जमीन के अधिग्रहण में दिक्कत होगी तो नये साइट पर भी विचार होगा. इसके लिए केंद्र सरकार के स्तर पर वार्ता संभव है. -विद्युत वरण महतो, सांसद
नया एयरपोर्ट जरूरी : सिंहभूम चेंबर
नया एयरपोर्ट काफी जरूरी है. इसको लेकर हम लोग पहले भी आंदोलन करते आये है और जरूरत पड़ने पर फिर से आंदोलन करेंगे. इसको लेकर हर स्तर पर आवाज उठायी जायेगी.
-सुरेश सोंथालिया, अध्यक्ष, सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स

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