संवाददाता,जमशेदपुर किशन अपने करम स्थित बंकर से पाकिस्तानी फौज को परेशान कर रखा था. शहीद होने से पूर्व किशन 3 इंकाउंटर कर चुका था. जिस कारण से उसके बंकर पर दुश्मनों की पैनी नजर थी. आइबी में कार्यरत किशन के बडे़ भाई कन्हैया ने बताया कि घटना के आठ दिन पूर्व किशन ने फोन किया था. उसने बताया था कि वहां दोनों ओर से लगातार फायरिंग हो रही है. पर चिंता मत करो. हाल के दिनों में तीन दुश्मनों को हमने मार गिराया है. जिस दिन वह फोन पर बात कर रहा था, उस दिन किशन ने दुश्मन के एक जवान का मार गिराया था. उसके बाद ही वह यूनिट में आया था. कन्हैया ने बताया कि पिकेट या पोस्ट पर फोन का नेटवर्क काम नहीं करता है. यूनिट या फिर बेस कैंप में आने के बाद ही किशन से बात होती थी. ————————एक साथ हमलोगों ने हर काम पूरा कियाकन्हैया ने बताया कि दोनों भाई ने एक साथ ही लगभग सभी काम किये. वह मुझसे केवल एक वर्ष ही छोटा था. जिस कारण हम अच्छे दोस्त भी थे. हम हर बात शेयर करते थे. स्कूल में भी हमलोगों ने एक साथ पढ़ाई की. किशन बचपन से जिद्दी स्वभाव का था. बीएसएफ में नौकरी ज्वाइन करने के तीन दिन पूर्व सीआइएसएफ का कॉल आया था. लेकिन उसने मेरी सलाह नहीं मानी और बीएसएफ ज्वाइन किया. उसने कहा था कि देश के लिए मरने-मिटने वाले लोग तो हमलोगों में से ही कोई होता है. लगभग ट्रेनिंग पूरी करने के बाद एक बार फिर से सीआइएसएफ का कॉल आया था. उस वक्त भी मैंने उससे बीएसएफ छोड़ने को कहा था,लेकिन किशन ने फिर मना कर दिया. बचपन से एक साथ रहने वाले किशन-कन्हैया अब बिछड़ गये. लेकिन मुझे गर्व है कि कि शन ने अपना फर्ज निभाते हुए कुर्बानी दी, जिसका हर जवान संकल्प लेता है.
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दुश्मनों से अंत तक लोहा लेता रहा किशन: कन्हैया (भाई का दर्द)
संवाददाता,जमशेदपुर किशन अपने करम स्थित बंकर से पाकिस्तानी फौज को परेशान कर रखा था. शहीद होने से पूर्व किशन 3 इंकाउंटर कर चुका था. जिस कारण से उसके बंकर पर दुश्मनों की पैनी नजर थी. आइबी में कार्यरत किशन के बडे़ भाई कन्हैया ने बताया कि घटना के आठ दिन पूर्व किशन ने फोन किया […]
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