नोट : फोटो फोल्डर में है डॉ राजीव ठाकुर, त्वचा रोग विशेषज्ञ एक्ने से बचना है तो चेहरा साफ रखें सिबेशस ग्लैंड के डिस्ऑर्डर के कारण एक्ने होता है. एक्ने चार प्रकार के होते हैं. माइल्ड, मॉड्रेट, सीवियर और सिस्टिक. एक्ने के प्रकार को देखकर ही इसका ट्रीटमेंट किया जाता है. यह बीमारी ऑयली स्किन वालों को ज्यादा होती है. इस बीमारी में चेहरे व शरीर के अन्य हिस्सों पर दाने निकल आते हैं. बीमारी ज्यादा बढ़ जाने पर दाने से पस भी निकलने लगता है. इसकी वजह से दर्द भी होता है. दाने आगे चलकर पिंपल्स व गड्ढे में बदल जाते हैं. ऐसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. इससे बचाव के लिए ऑयली स्किन वालों को दिन में तीन से चार बार चेहरा धोना चाहिए. ताकि चेहरे पर डस्ट व अन्य गंदगी जमा न हो पाये. इसमें डॉक्टर की सलाह ले लेना उचित रहता है. इस बीमारी का केमिकल पीलिंग और लेजर टेक्निक द्वारा 80 फीसदी तक सुधार किया जा सकता है. बीमारी/प्रॉब्लम : एक्नेलक्षण : चेहरे व शरीर के अन्य हिस्सों पर दाने निकलना, दाने से पस आना और दर्द होना. उपाय : चेहरे को साफ रखें, ऑयली स्किन वाले तीन-चार बार चेहरा धोयें, डॉक्टर की सलाह लें.
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हेल्थ बुलेटिन एडवांस – डॉ. राजीव ठाकुर, स्किन स्पेशलिस्ट
नोट : फोटो फोल्डर में है डॉ राजीव ठाकुर, त्वचा रोग विशेषज्ञ एक्ने से बचना है तो चेहरा साफ रखें सिबेशस ग्लैंड के डिस्ऑर्डर के कारण एक्ने होता है. एक्ने चार प्रकार के होते हैं. माइल्ड, मॉड्रेट, सीवियर और सिस्टिक. एक्ने के प्रकार को देखकर ही इसका ट्रीटमेंट किया जाता है. यह बीमारी ऑयली स्किन […]
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