जमशेदपुर: वीमेंस कॉलेज की पूर्व प्राचार्या व वर्तमान में कोल्हान विश्वविद्यालय की प्रतिकुलपति व उनके सगे-संबंधियों व एक कर्मचारी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाये जाने पर छात्र, शिक्षक व हॉस्टल की छात्रओं में क्षोभ है.
उन्होंने आरोप को बेबुनियाद बताया है. साथ ही इसे आदिवासी छात्रओं के नाम से दुष्प्रचार करने और कॉलेज की प्रतिष्ठा के खिलवाड़ करने की साजिश बताया है. कॉलेज की प्रभारी प्राचार्या डॉ सुमिता मुखर्जी ने भी छात्र नेताओं के सामने संबंधित पत्र को लेकर जांच करने की बात कही.
उन्होंने कहा कि पी पूर्ति नाम की कोई छात्र कॉलेज में नहीं है, न ही किसी छात्र ने आत्महत्या का प्रयास किया है. बावजूद हॉस्टल में सावधानी बरती जा रही है.
वहीं हॉस्टल की अधीक्षक प्रभा खलखो ने भी बताया कि वह वर्ष 2006 से इस पद पर हैं. अभी तक इस तरह की कोई घटना हॉस्टल में नहीं हुई है. हॉस्टल में इस तरह की कोई छात्र नहीं है. छात्रओं ने भी बताया है कि हॉस्टल में इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है.
शिक्षक संघ ने की बैठक
इस मामले को लेकर वीमेंस कॉलेज शिक्षक संघ ने बुधवार को बैठक की. इसमें वक्ताओं ने कहा कि हॉस्टल वर्षों से बन कर तैयार था. दो-तीन प्राचार्या बदलीं, लेकिन कोई हॉस्टल शुरू नहीं करा सका. डॉ शुक्ला महंती प्राचार्या बनीं, तो अपने प्रयास से उन्होंने इस हॉस्टल को शुरू कराया. आज उन्हीं पर हॉस्टल की ओर से इतना गंभीर आरोप लगाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि जिसने भी आरोप लगाया है व कॉलेज विरोधी है. उसे कॉलेज के विकास व उन्नति से मतलब नहीं है.