ग्रामीणों का कहंना है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण तीनों की जान गयी.घटना से आक्रोशित ग्रामीण 24 मार्च को अस्पताल का घेराव करेंगे. सोमवार को इसी मामले को लेकर ग्रामीण अनुमंडल अस्पताल पहुंचे. लेकिन चिकित्सा प्रभारी से मुलाकात नहीं हो सकी.
चड़इगोड़ा के लखिंदर सोरेन की पत्नी मैनो सोरेन की नवजात पुत्री की मौत 20 मार्च की रात 1.25 मिनट पर हुई. मैनो को 19 मार्च को उत्क्रमित अनुमंडल अस्पताल में भरती कराया गया था. चड़इगोड़ा के रमेश मुमरू की पत्नी नानी मुमरू की नवजात पुत्री की मौत 17 मार्च की शाम छह बजे हुई. वहीं 17 मार्च की सुबह 8.30 बजे उत्क्रमित अनुमंडल अस्पताल में इसी गांव के लालू सोरेन की पत्नी कुइली सोरेन के नवजात पुत्र की मौत प्रसव के बाद इलाज के दौरान हो गयी. इससे पूर्व फरवरी में भी इसी गांव के सुनाराम की पत्नी अलावती सोरेन के नवजात की मौत हुई थी.