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ऑनलाइन धंधा से खुदरा बाजार मंदा

जमशेदपुर: घर बैठे ऑनलाइन शॉपिंग ने शहर के खुदरा व्यापारियों की नींद उड़ा दी है. इसके कारण शहर के बाजार पर 40 फीसदी प्रतिकूल असर पड़ा है. इसका सबसे अधिक असर कपड़ा, जूता, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट पर पड़ा है. साकची, बिष्टुपुर, सोनारी, मानगो सहित सभी बाजारों के दुकानदार खासे चिंतित हैं. व्यापारियों का कहना […]

जमशेदपुर: घर बैठे ऑनलाइन शॉपिंग ने शहर के खुदरा व्यापारियों की नींद उड़ा दी है. इसके कारण शहर के बाजार पर 40 फीसदी प्रतिकूल असर पड़ा है. इसका सबसे अधिक असर कपड़ा, जूता, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट पर पड़ा है. साकची, बिष्टुपुर, सोनारी, मानगो सहित सभी बाजारों के दुकानदार खासे चिंतित हैं. व्यापारियों का कहना है कि अगर सरकार जल्द हमारे लिए कुछ नहीं करती है, तो खुदरा बाजार पर संकट उत्पन्न हो जायेगा. व्यापारी वर्ग में मायूसी के साथ घबराहट भी है.
टियर टू शहर में 500} तक बढ़ा ऑनलाइन कारोबार : सर्वे. ऑनलाइन शॉपिंग का बाजार पर प्रतिकूल असर के कई कारण हैं. गूगल इंडिया और टीएनएस की ओर से इसे लेकर एक सव्रे कराया गया था. इसमें पाया गया कि मेट्रोपॉलिटन शहरों की तुलना में जमशेदपुर जैसे टियर टू शहरों में अधिक ऑनलाइन कारोबार हुआ है.जमशेदपुर में तीन साल में करीब 500 फीसदी तक ऑनलाइन कारोबार में वृद्धि हुई है. यहीं स्थिति पश्चिम बंगाल, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश के छोटे शहरों का है.
घर बैठे हो जाती है खरीदारी.ऑनलाइन शॉपिंग के प्रति झुकाव बढ़ने का सबसे बड़ा कारण यह है कि लोगों को बाजार के भीड़ भाड़ आदि से मुक्ति मिल गयी है. अपनी सहूलियत के अनुसार जब मन किया स्मार्टफोन या कंप्यूटर से खरीदारी हो जाती है. इसके अलावा बाजार आने-जाने का खर्च और समय की बचत के साथ धूप, बारिश, सर्दी से बचाव हो जाता है. ज्यादातर युवाओं के हाथ में स्मार्टफोन और इंटरनेट आने के कारण ऑनलाइन खरीदारी का क्रेज बढ़ गया है.
दुकान से सस्ता होने के कारण ज्यादा खरीदारी
ऑनलाइन खरीदारी में कंपनियां सीधे और भारी मात्र में सामान खरीदारी करती है. बिचौलिये खत्म होने से सामान की कीमत कम हो जाती है. इस कारण खुदरा बाजार से ऑनलाइन शॉपिंग सस्ती होती है. इस वजह से इसकी मांग बढ़ती जा रही है.
टैक्स और दाम कम, फायदा ज्यादा
ऑनलाइन शॉपिंग चलाने वाली कंपनियां सिर्फ पांच फीसदी सीएसटी देकर कारोबार करती हैं. वहीं खुदरा व्यापारी 14 फीसदी वैट और पांच फीसदी सीएसटी देते हैं. इसके अलावा खुदरा बाजार वालों को स्टाफ से लेकर अन्य खर्चे भी होते हैं. इन्हीं वजहों से ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों को अधिक लाभ होता है.
सरकार ध्यान दे, नहीं तो दम तोड़ देगा कारोबार : सिंहभूम चेंबर
सरकार को इस मामले में ध्यान देना चाहिए. यहां के कारोबारियों की हालत बिगड़ती जा रही है. दीपावली व होली जैसे त्योहार में सबसे ज्यादा बिक्री होती थी, लेकिन ऑनलाइन शॉपिंग ने स्थिति बिगाड़ दी है. यह व्यापारियों के लिए खतरे की घंटी है. राज्य सरकार को ऑनलाइन शॉपिंग पर अतिरिक्त टैक्स लगाना चाहिए या यहां के कारोबारियों से उनके समरूप टैक्स लिया जाये. -सुरेश सोंथालिया, अध्यक्ष, सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स
50 फीसदी कारोबार प्रभावित : राजा सिंह
एलक्ष्डी टीवी, फ्रिज, एसी जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स के मार्केट पर ऑनलाइन शॉपिंग का अधिक प्रभाव नहीं पड़ा है. मोबाइल, छोटे घरेलू उपकरण (होम एप्लायंस) पर सबसे अधिक असर पड़ा है. इसके बाजार पर करीब 50 फीसदी असर पड़ा है. इसके लिए सरकारी स्तर पर कदम उठाने की जरूरत है. -राजा सिंह, प्रोपराइटर, नेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स

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