जमशेदपुर: मेडिकल की परीक्षा में दो-चार अंक की वजह से असफल होनेवाले परीक्षार्थियों को ग्रेस मार्क्स देने को लेकर कोल्हान विश्वविद्यालय अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका है. कुल मिलाकर विश्वविद्यालय प्रशासन इस मामले में क्या करें और क्या न करें वाली स्थिति में है. चूंकि मेडिकल के पाठय़क्रम मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) के मार्गदर्शन के आधार पर संचालित होते हैं. इसलिए ग्रेस मार्क्स देने को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसके प्रावधानों की संपूर्ण जानकारी होने पर भी अनिभिज्ञता जतायी है.
प्रैक्टिकल पेपर में असफल होने के बाद शहर स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज के तीन विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय में ग्रेस मार्क्स के लिए आवेदन किया है. गुरुवार को विश्वविद्यालय में संपन्न एक्जामिनेशन कमेटी की बैठक इस पर विचार-विमर्श किया गया. प्रावधानों की संपूर्ण जानकारी नहीं होने की स्थिति में बोर्ड ने इस संबंध में एमसीआइ से मार्गदर्शन लेने का निर्णय लिया है. बैठक की अध्यक्षता कुलपति डॉ सलिल कुमार रॉय ने की.
इसमें उपस्थित विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ गंगा प्रसाद सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय की ओर से एमसीआइ को संबंधित जानकारी देते हुए मार्गदर्शन लिया जायेगा. यह कार्य जल्द ही पूरा किया जायेगा. इसमें एमसीआइ से यह भी जानकारी मांगी जायेगी कि किन-किन विषयों में थ्योरी व प्रैक्टिकल पेपर में ग्रेस मार्क्स देने का प्रावधान है.