डॉ. राजेश ठाकुर, आर्थोपेडिकएक्सीडेंट के बाद देखरेख जरुरीक्रॉनिक आस्टियो मिलिटिस को बोन इन्फेक्शन भी कहा जाता है. इस बीमारी के होने के कारणों की बात की जाए तो एक्सीडेंट होने के बाद घाव जब खुला रहता है उसमें गंदगी व धूल लग जाने के कारण, आपरेशन वॉर्ड में स्टेरलाइजेशन मेंटेन ना होने के कारण, ऑपरेशन के बाद मरीज द्वारा हाइजिन मेंटेन ना करने के कारण यह बीमारी होती है. इस बीमारी में देखा गया है कि मरीज के हड्डी में इंफेक्शन हो जाता है, जिसके कारण घाव से पस निकलता है. वहीं इस बीमारी के होने के कारण शुरुआती समय में लक्षण दिखायी नहीं देते हैं. शरीर में इस प्रकार के लक्षण दिखायी देने पर डॉक्टरी सलाह लेना चाहिए. वहीं इस बीमारी से बचाव के लिए लोगों को एक्सीडेंट होने के बाद कोशिश करना चाहिए कि घाव में गंदगी ना लगने पाए. व इलाज होने के बाद साफ सफाई का खास ध्यान रखने की जरुरत है. बीमारी- क्रॉनिक आस्टियो मिलिटिस को बोन इन्फेक्शन लक्षण- मरीज के हड्डी में इंफेक्शन हो जाता है, जिसके कारण घाव से पस निकलता है. उपाय- लोगों को एक्सीडेंट होने के बाद कोशिश करना चाहिए कि घाव में गंदगी ना लगने पाए. व इलाज होने के बाद साफ सफाई का खास ध्यान रखने की जरुरत है.
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हेल्थ बुलेटिन एडवांस डॉ. राजेश ठाकुर, आर्थोपेडिक असंपादित
डॉ. राजेश ठाकुर, आर्थोपेडिकएक्सीडेंट के बाद देखरेख जरुरीक्रॉनिक आस्टियो मिलिटिस को बोन इन्फेक्शन भी कहा जाता है. इस बीमारी के होने के कारणों की बात की जाए तो एक्सीडेंट होने के बाद घाव जब खुला रहता है उसमें गंदगी व धूल लग जाने के कारण, आपरेशन वॉर्ड में स्टेरलाइजेशन मेंटेन ना होने के कारण, ऑपरेशन […]
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