जमशेदपुर: बिहार से जिस दिन झारखंड का बंटबारा हुआ, उसके बाद जो जहां रहने लगा, उसे वहीं का स्थायी निवासी मानते हुए स्थानीयता की परिभाषा में शामिल कर लिया जाना चाहिए. उक्त बातें बिहार विधानपरिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कही.
जमशेदपुर पहुंचे श्री सिंह रविवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. बिहार में भाजपा-जदयू गंठबंधन टूटने, नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार घोषित करने संबंधी कई सवालों पर श्री सिंह ने कहा कि वे बिहार भाजपा के साथ-साथ विधान सभा में दायित्व के पद से जुड़े हुए हैं, इसलिए राजनीति की बातों से परहेज करेंगे.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि झारखंड में जब तक विधान सभा के सदस्यों की संख्या 120 से अधिक नहीं हो जाती, तब तक यहां विधान परिषद संभव नहीं है. बिहार में मिड डे मील खाने से हुई बच्चों की मौत पर उन्होंने कहा कि ऐसे गंभीर मामलों में राजनीति किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. राजनीतिक दलों को इस मामले में संयम बरतते हुए जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए.