जमशेदपुर: ठंड के मौसम में बेघर लोग खुले आसमान के नीचे रात न गुजरें, इसके लिए जेएनएसी क्षेत्र में पांच स्थानों पर अस्थायी रैन बेसरा खोले गये हैं, जहां नि:शुल्क ठहरा जा सकता है. लेकिन, फुटपाथ पर सोने वाले बेघर लोगों को ठंड मंजूर है, पर वे रैन बसेरा में जाने को तैयार नहीं हैं. जेएनएसी के विशेष पदाधिकारी दीपक सहाय के निर्देश पर कर दारोगा अयोध्या सिंह बीती रात उन स्थानों पर गये, जहां खुले आसमान के नीचे लोग सोये हुए थे. उन्हें बताया गया कि रैन बसेरा में वे नि:शुल्क रह सकते हैं. वहां बिजली, पानी, चौकी, कंबल, दरी, शौचालय एवं साफ- सफाई की उचित व्यवस्था है. लेकिन, बार- बार वहां जाने का आग्रह किये जाने के बावजूद वे तैयार नहीं हुए.
फुटपाथ पर मिलती है राहगीर, दानियों से मदद
ठंड के दौरान फुटपाथ पर सोने वाले लोगों को राहगीरों एवं शहर के विभिन्न सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक संगठनों से कंबल समेत आर्थिक मदद मिलती है. रैन बसेरा में चले जाने पर वे इससे वंचित हो जायेंगे. इस कारण भी कई बेघर फुटपाथ छोड़ना नहीं चाहते. फुटपाथ के बजाय ऐसे लोग रैन बसेरा में सोयें इसके लिए जिला प्रशासन ने मंथन शुरू कर दिया है.
बच्चों के लिए सावधानी बरतें
1. नवजात शिशु पर विशेष ख्याल रखें. कपड़ा गीला करते ही तत्काल बदल दें.
2. कमरे को गर्म रखें.
3. छोटे बच्चों के पैरों में जूते, मोजे और सिर पर टोपी पहनायें.
4. रात में बच्चों को सोते समय सिर रजाई से ढकें.
5. बच्चों को ठंड में बाहर न खेलने दें.
बड़े- बुजुर्गो के लिए सावधानी
1. खान- पान पर विशेष ध्यान दें.
2. शरीर गरम कपड़ों से ढक कर रखें.
3. धूप निकलने पर बाहर टहलने जायें.
4. ताजा भोजन करें. रखा हुआ भोजन नहीं करें.
5. डायबिटीज, रक्तचाप को नियंत्रित रखें.
जुस्को से बिजली, पानी मिलते ही खुलेगा छह स्थायी रैन बसेरा
शहर के छह स्थानों पर जेएनएसी की ओर से स्थायी रैन बसेरा ( 10 लाख 60 हजार 900 रुपये (एक रैन बसेरा) बनाया गया है. भवन बन कर तैयार है. जुस्को से बिजली, पानी का कनेक्शन मिलते ही रैन बसेरा खोल दिया जायेगा. जेएनएसी ने नि:शुल्क रैन बसेरा में पानी, बिजली कनेक्शन के लिए जुस्को को पत्र लिखा है.
अस्थायी रैन बसेरा खोल दिया गया है. स्थायी रैन बसेरा में बिजली, पानी की नि:शुल्क व्यवस्था के लिए जुस्को को पत्र लिखा गया है. कनेक्शन बहाल होते ही नये स्थायी रैन बसेरा जल्द खोला जायेगा.
-दीपक सहायक, विशेष पदाधिकारी, जेएनएसी
रात में फुटपाथ पर सोने वाले बेघर लोगों को बार- बार अस्थायी रैन बसेरा में जाने को कहा जा रहा है,लेकिन वे जाने को तैयार नहीं होते है.
-अयोध्या सिंह, कर दारोगा, जेएनएसी