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टाटा में पांच, राज्य में 20 अरब संपत्ति फिर भी नहीं बना परिवहन निगम

मनीष सिन्हा, जमशेदपुर : झारखंड अलग राज्य बनने के 19 साल बाद भी झारखंड पथ परिवहन निगम नहीं बन पाया है. पुराने पदाधिकारियों के अनुसार पथ परिवहन निगम की जमशेदपुर प्रमंडल में लगभग पांच अरब अौर पूरे राज्य में 20 अरब की संपत्ति है, लेकिन निगम नहीं बनने के कारण उसके पास कुछ नहीं है […]

मनीष सिन्हा, जमशेदपुर : झारखंड अलग राज्य बनने के 19 साल बाद भी झारखंड पथ परिवहन निगम नहीं बन पाया है. पुराने पदाधिकारियों के अनुसार पथ परिवहन निगम की जमशेदपुर प्रमंडल में लगभग पांच अरब अौर पूरे राज्य में 20 अरब की संपत्ति है, लेकिन निगम नहीं बनने के कारण उसके पास कुछ नहीं है अौर दूसरे विभाग इसकी देखभाल व संचालन कर रहे हैं. देखभाल के अभाव में एक अोर जहां परिवहन निगम की जमीन का अतिक्रमण हो रहा है, वहीं बंद डिपो में पड़े पुर्जों की चोरी भी हो रही है. चंपई सोरेन के नये परिवहन मंत्री बनने के बाद पथ परिवहन निगम को फिर से सुदृढ़ व व्यवस्थित करने के प्रयास शुरू किये गये हैं

अौर झारखंड पथ परिवहन निगम बनने तथा सरकारी बसों को सड़क पर दौड़ने व निजी बसों का एकाधिकार समाप्त होने की उम्मीद जतायी जा रही है. निगम के पुराने पदाधिकारियों के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर 1 जुलाई 2004 को व विधिवत तरीके से 1 मार्च 2009 को बिहार पथ परिवहन निगम का बंटवारा हुआ था अौर झारखंड का हिस्सा ( लगभग 35 प्रतिशत) मिला था.
बंटवारे के समय राज्य में निगम के एक हजार कर्मचारी थे जो 2013 तक सात सौ बचे थे.1 मार्च 2009 से 31 अक्तूबर 2013 तक परिवहन विभाग द्वारा झारखंड पथ परिवहन निगम का संचालन किया गया था. 31 अक्तूबर 2013 के बाद से बसों का परिचालन बंद कर दिया गया अौर उसके बाद से अब तक झारखंड पथ परिवहन निगम का गठन नहीं हो सका है.
जेएनएसी के पास है बस स्टैंड व बारीडीह डिपो
जमशेदपुर. बिहार (झारखंड) पथ परिवहन निगम के बस स्टैंड (जय प्रकाश सेतु बस पड़ाव) की जमीन व भवन जेएनएसी के पास है अौर जेएनएसी द्वारा इसका टेंडर कर राजस्व की प्राप्ति की जाती है. बारीडीह डिपो भी जेएनएसी के पास है जहां पूर्व में सिटी बसें रखी जाती थीं अौर वर्तमान में कचरा डंपिंग, कचरा एकत्रित करने वाले वाहनों का पड़ाव, चलंत शौचालय का पड़ाव बनाया गया है जिसका संचालन जेएनएसी द्वारा किया जा रहा है.
एग्रिको बस डिपो में पुरानी सरकारी बसें, पेट्रोल पंप, पुर्जे, टायर रखे हुए हैं तथा भवन जर्जर हो चुका है. पिछले दिनों नगर विकास विभाग द्वारा एग्रिको अौर बारीडीह डिपो की जमीन पर मार्केट काॅम्पलेक्स बनाने की योजना तैयार की गयी थी, जिसके लिए अलग-अलग एजेंसी की टीम द्वारा भ्रमण भी किया गया था. दो वर्ष पूर्व कई बसों की नीलामी की गयी थी. वर्तमान में डिपो परिसर जर्जर हालत में बंद पड़ा हुआ है.
सेवानिवृत्ति के बाद भी अधिकतर कर्मचारियों को नहीं मिला लाभ. पुराने कर्मचारियों के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय ने पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों के समायोजन करने का निर्देश दिया था अौर समायोजन के स्थान पर नयी नियुक्ति कर उन्हें प्रखंड, अंचल, अनुमंडल अौर जिला कार्यालय में स्थानांतरित किया गया.
निगम के पूर्व कर्मचारियों को रिवाइज पे का लाभ नहीं मिला. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा सेवानिवृत कर्मचारियों को पेंशन, ग्रेच्यूटी समेत सभी तरह का लाभ देने का निर्देश दिया गया था, लेकिन विभाग स्तर से अधिसूचना जारी नहीं होने के कारण अधिकतर कर्मचारियों को इसका लाभ (भुगतान) नहीं मिल पाया.
परिवहन निगम बनने से क्या होगा फायदा
  • निजी बसों की मनमानी अौर एकाधिकार खत्म होगा
  • निजी बसों की तुलना में यात्रियों को सस्ती यात्रा की सुविधा मिलेगी
  • बंदी में नहीं होगा आवागमन ठप
  • निजी बसों की हड़ताल होने पर नहीं होगा आवागमन प्रभावित
  • नयी नियुक्ति होगी, बेरोजगार युवाअों को मिलेगा रोजगार
झारखंड में पथ परिवहन निगम का गठन नहीं हो पाया है, सरकार द्वारा पथ परिवहन निगम बनाया जायेगा, जिसके लिए अध्ययन कर रहे हैं. परिवहन निगम की संपत्ति की समीक्षा एक बार की जा चुकी है अौर पुन: समीक्षा की जायेगी. एक माह के अंदर बेहतर यातायात सुविधा उपलब्ध कराने की तैयारी है, जिसके लिए निगम बनाना जरूरी है.
चंपई सोरेन, परिवहन मंत्री, झारखंड
पथ परिवहन निगम के जमशेदपुर प्रमंडल में लगभग पांच अरब अौर पूरे राज्य में 20 अरब की संपत्ति है. उचित देखभाल के अभाव में इसका बेहतर रख-रखाव नहीं हो पा रहा है.
विनोद कुमार, पूर्व डीएम बिहार पथ परिवहन निगम जमशेदपुर प्रमंडल.
निगम एक नजर में
  • सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर बिहार राज्य पथ परिवहन निगम का 1 जुलाई 2004 को हुआ था बंटवारा
  • बंटवारे के समय पूरे राज्य में थी पांच सौ बसें अौर लगभग एक हजार कर्मचारी
  • झारखंड में चार डिवीजन रांची, दुमका, धनबाद अौर जमशेदपुर था कार्यरत
  • हर जिले में है निगम की स्टैंड, भवन व जमीन
  • रांची व जमशेदपुर के बीच शहर में हैं निगम की करोड़ों की जमीन व भवन
  • 2009 से 2013 तक परिवहन विभाग द्वारा किया गया सरकारी बसों का संचालन
जमशेदपुर प्रमंडल में निगम की स्थिति
  • शहर में है निगम की लगभग पांच अरब की संपत्ति
  • एग्रिको, बारीडीह में डिपो के साथ जमीन का है पड़ा प्लॉट
  • निगम की बारीडीह डिपो में 7.80 एकड़, एग्रिको में 3.81 तथा चाईबासा में 3 एकड़ जमीन
  • सरकारी बस स्टैंड की 0.90 एकड़ जमीन व भवन है निगम का
  • कंडम व नीलामी के लिए 70 गाड़ियां हुई थी घोषित, जिसमें कई गाड़ियों की हुई नीलामी
  • 32 से ज्यादा बसें शेष बची हैं जो खड़े-खड़े हुई बेकार
  • देखभाल के अभाव में डिपो से चोरी है रही है सामानों की
  • जमशेदपुर में थे डेढ़ सौ कर्मचारी

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