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दुष्कर्म के आरोप में रिमांड होम में बंद नाबालिग ने की आत्महत्या, मेडिकल जांच में उसकी नहीं हुई थी पुष्टि

जमशेदपुर : जमशेदपुर के घाघीडीह स्थित रिमांड होम में फांसी लगाकर आत्महत्या करनेवाले उलीडीह थाना क्षेत्र के गौड़ बस्ती निवासी नाबालिग पर जिस किशोरी ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था, पुलिस ने उसकी मेडिकल जांच भी करायी थी. मेडिकल जांच के बाद एमजीएम के डॉक्टरों ने जो रिपोर्ट पुलिस को भेजी थी, उसमें स्पष्ट था […]

जमशेदपुर : जमशेदपुर के घाघीडीह स्थित रिमांड होम में फांसी लगाकर आत्महत्या करनेवाले उलीडीह थाना क्षेत्र के गौड़ बस्ती निवासी नाबालिग पर जिस किशोरी ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था, पुलिस ने उसकी मेडिकल जांच भी करायी थी. मेडिकल जांच के बाद एमजीएम के डॉक्टरों ने जो रिपोर्ट पुलिस को भेजी थी, उसमें स्पष्ट था कि किशोरी के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ था.
मामले के अनुसंधानकर्ता प्रेम प्रकाश प्रसाद ने मेडिकल जांच की रिपोर्ट का हवाला देकर किशोरी से दुष्कर्म नहीं होने की बात केस डायरी में भी लिखी थी. ऐसे में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. मेडिकल रिपोर्ट को सही माने, तो नाबालिग छह माह से वैसे जुर्म के आरोप में रिमांड होम में बंद था, जिसे उसने किया ही नहीं था. मानगो पोस्ट ऑफिस रोड निवासी किशोरी की ओर से आरोप लगाये जाने के बाद उसके कपड़ों को जांच के लिए रांची स्थित एफएसएल भेजा गया था. छह माह गुजर जाने के बाद भी उसकी रिपोर्ट नहीं आयी है.
तकनीकी जांच में नहीं मिली वीडियो. अनुसंधानकर्ता प्रेम प्रकाश प्रसाद ने बताया, सभी बिंदुओं पर जांच की गयी थी. पीड़ित किशोरी का बयान लिया गया था. पीड़िता ने नाबालिग पर दुष्कर्म करने और उसके साथी पर मोबाइल से वीडियो बनाने का आरोप लगाया था.
इंसाफ नहीं मिलने पर जान देने की बात कहता था नाबालिग
रिमांड होम में एक दूसरे मामले में बंद किशोर के पास प्रभात खबर की टीम गयी. टेल्को मनीफिट सोखी कॉलोनी में रहनेवाला यह किशोर 15 अगस्त को रिमांड होम से बाहर निकला था. उसने बताया : नाबालिग हमेशा कहता था कि वह बेकसूर है. उसने दुष्कर्म नहीं किया. नाबालिग ने उसे बताया था कि तत्कालीन थानेदार मुकेश चौधरी ने उसे थाने में पीट-पीट कर अपराध कबूल करने को कहा था.
नाबालिग हमेशा कहता था कि यदि उसे इंसाफ नहीं मिलेगा, तो वह जान दे देगा. नाबालिग के बड़े भाई राकेश ने बताया, पेशी के दौरान भी उसने इंसाफ नहीं मिलने पर जान देने की बात कही थी. वह कहता था कि वह निर्दोष है.
किशोरी, उसके परिजन व थानेदार पर मुकदमा दर्ज हो
मृतक नाबालिग के परिजनों में आक्रोश है. पिता व भाई ने कहा कि नाबालिग की हत्या की गयी है. उस पर दुष्कर्म का झूठा आरोप लगानेवाली किशोरी, उसकी मां, पिता और उलीडीह के तत्कालीन थानेदार मुकेश चौधरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए. थानेदार ने मारपीट कर जबरन उससे गुनाह कबूल करवाया था.
नाबालिग के परिजनों के अनुसार, किशोरी ने उससे मोबाइल की मांग की थी. मोबाइल नहीं देने पर फंसाने की बात कही थी. उसने ऐसा किया भी. किशोरी और उसके परिजनों के दबाव में आकर उलीडीह के तत्कालीन थानेदार ने गलत काम किया है.
चार लाख में हुआ था समझौता, एक लाख दे भी दिया था
नाबालिग के भाई के अनुसार, केस हटाने के लिए किशोरी के परिजन चार लाख मांग रहे थे. एक लाख रुपये दे भी दिये थे. किशोरी के मां-बाप ने इसकी रिसीट भी दी थी.
मंत्री सरयू राय पहुंचे घर
मंत्री सरयू राय, भाजपा नेता विकास सिंह शुक्रवार को नाबालिग के घर पहुंचे. घटना की जानकारी ली. एसएसपी को फोन पर मामले की उच्चस्तरीय जांच का निर्देश दिया.
एसएसपी ने दिया जांच का आदेश
एसएसपी अनूप बिरथरे ने पटमदा डीएसपी विजय महतो को मामले की जांच का निर्देश दिया है. उन्होंने बताया, किशोरी के आरोप के आधार पर पुलिस ने दोनों को पकड़ा था. मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं होने पर पुलिस ने केस डायरी में इसका उल्लेख किया. नाबालिग को जमानत क्यों नहीं मिली, यह ज्यूडिशियरी मामला है.

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