जमशेदपुर : गर्मी के मौसम में चापाकल की मरम्मत के लिए झारखंड सरकार इस साल एक रुपये का फंड नहीं देगी. यह खुलासा पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव अाराधना पटनायक (पत्रांक 273) के पत्र से हुआ. यह पत्र पूर्वी सिंहभूम समेत राज्य के सभी जिलों के डीसी को भेजा गया है.
सूत्रों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2018-19 के राज्य बजट में चापाकल मरम्मत के राशि का प्रावधान को खत्म कर दिया है तथा केंद्र प्रायोजित योजना (राष्ट्रीय ग्रामीण विकास जलापूर्ति योजना) के नये मार्गदर्शन के मुताबिक चापाकल मरम्मत के लिए विभाग के पास नहीं के बराबर राशि है. सूत्रों के मुताबिक जिला स्तर पर 14वें वित्त आयोग के फंड से चापाकल की मरम्मत किया जायेगा. इसके लिए मुखिया को जरूरी दिशा निर्देश दिया जा रहा है.
बागबेड़ा, परसुडीह ड्राइ जोन : विभागीय आकड़े के मुताबिक बागबेड़ा, परसुडीह समेत आस-पास जमीन के अंदर जलस्तर 400-500 फीट से ज्यादा नीचे चला गया है, इस कारण इस समूचे इलाके को ड्राइ जोन घोषित है. इस कारण यहां नया चापाकल लगाने पर रोक है. विशेष परिस्थिति में प्रशासन की अनुमति से चापाकल या डीप बोरिंग किया जा रहा है.
जिले में 29 हजार चापाकल, पांच हजार खराब
जिले में 29 हजार सरकारी चापाकल हैं, इसमें साढ़े पांच हजार चापाकल खराब है, इसमें 3200 से ज्यादा चापाकल का पाइप सड़े होने के कारण बंद पड़ा है अौर ऐसे चापाकल को डेड घोषित किया जा चुका है. हालांकि डेड चापाकल घोषणा के बाद समीप में दूसरे चापाकल लगाने के बाद वह भी कुछ दिनों के बाद खराब हो गया है.
ये बात सच है कि चापाकल मरम्मत के लिए कोई फंड नहीं मिलेगा, लेकिन डीसी ने आश्वासन दिया है कि खराब चापाकल बनाया जायेगा.
शिशिर सोरेन, कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जमशेदपुर प्रमंडल