जमशेदपुर: सीमेंट कंपनियों द्वारा कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी को लेकर भारत सरकार द्वारा गठित कंपीटीटिव कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने बड़ा फैसला सुनाया है. फैसले के तहत सीमेंट कंपनियों को हर्जाना के तौर पर 6300 करोड़ रुपये देने को कहा.
इस फैसले को चुनौती देते हुए सीमेंट कंपनियों ने ट्रिब्यूनल में चुनौती दी थी. ट्रिब्यूनल ने यह कहते हुए केस लेने से इनकार कर दिया कि पहले 6300 करोड़ का दसवां हिस्सा के तौर पर 630 करोड़ रुपये कंपनियां जमा कराये, उसके बाद ही किसी तरह की सुनवाई होगी. इसकी अधिकारिक जानकारी बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के जमशेदपुर अध्यक्ष एके श्रीवास्तव ने दी.
बुधवार को एसोसिएशन कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एके श्रीवास्तव ने बताया कि सीमेंट की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि के चलते बिल्डरों से लेकर ठेकेदारों तक को दिक्कत हो रही है. इसके खिलाफ ऑल इंडिया स्तर पर कंपीटीटिव कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में केस दायर किया था. इस केस की सुनवाई करते हुए सीमेंट कंपनियों को कहा गया कि वे लोग रेट को पहले कम करें और अब तक जो बढ़ा हुआ दाम लिया गया है, उसके बदले में 6300 करोड़ रुपये का हर्जाना जमा करें.
एके श्रीवास्तव ने बताया कि फैसले से न्याय की जीत हुई है और अब सिर्फ सीमेंट ही नहीं बल्कि छड़, ईंट, बालू से लेकर हर जरूरी निर्माण कार्य में काम आने वाले सामानों की कीमत को नियंत्रित करने में बल मिलेगा. प्रेस कांफ्रेंस में श्री श्रीवास्तव के साथ बीएन दीक्षित, रामजनम सिंह, ईश्वर राव, विपिन बिहारी प्रसाद, एनके श्रीवास्तव, एसएन राजू समेत अन्य लोग मौजूद थे.