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31 माह के बाद भी नहीं मिला नवजातों की माैत पर मुआवजा

जमशेदपुर. जुगसलाई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 14-15 दिसंबर 2015 की रात डॉक्टर की लापरवाही से हुई चार नवजाताें की माैत के मामले में एनएचआरसी के आदेश के 31 माह बाद भी परिजनाें काे 1-1 लाख रुपये का मुआवजा नहीं मिल सका है. एनएचआरसी (नेशनल ह्ययूमन राइट कमीशन) ने मामले में डॉक्टर की लापरवाही बतायी थी. […]

जमशेदपुर. जुगसलाई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 14-15 दिसंबर 2015 की रात डॉक्टर की लापरवाही से हुई चार नवजाताें की माैत के मामले में एनएचआरसी के आदेश के 31 माह बाद भी परिजनाें काे 1-1 लाख रुपये का मुआवजा नहीं मिल सका है. एनएचआरसी (नेशनल ह्ययूमन राइट कमीशन) ने मामले में डॉक्टर की लापरवाही बतायी थी.
राज्य सरकार काे पीड़ित परिवाराें काे मार्च 2013 में मुआवजा देने का निर्देश दिया था. राज्य सरकार के सचिव ने जिला सिविल सर्जन काे उक्त भुगतान करने काे पत्र भेज दिया, बावजूद इसके इस दिशा में तरह की पहल नहीं की गयी.
एनएचआरसी के न्यायाधीश डी मुरुगेशन ने अपने आदेश में लिखा था कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण चंचला देवी, मीरा देवी आैर दाे अन्य परिवाराें के चार बच्चाें की माैत हाे गयी थी. बच्चाें के जन्म के समय अस्पताल में डॉक्टर नहीं थे. साथ ही बेबी वार्मर नहीं रहने के कारण अत्याधिक ठंड में बच्चाें की माैत हाे गयी. इस संबंध में पूर्व सैनिक सत्येंद्र सिंह ने आयाेग काे मामले की विस्तृत जानकारी प्रदान की थी. विभाग ने इस मामले में जांच करने के बजाय लीपापाेती ही कर दी. शिकायकर्ता सत्येंद्र सिंह ने पिछले दिनाें सिविल सर्जन से मिलकर मुआवजा भुगतान की मांग उठायी थी.

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